मरीजों का इलाज कर रहे डॉक्टर खुद को तनाव मुक्त बनाने के लिए प्राचीन परंपरागत चिकित्सा पद्धति का सहारा ले रहे हैं। कोरोना महामारी के दौरान इसका इस्तेमाल मरीजों में तनाव को दूर करने के लिए किया गया था। इस विधि के सहारे मरीजों की रिकवरी बढ़ गई थी। इसकी सफलता को देखते हुए डॉक्टरों ने खुद का म्यूजिक बैंड बनाया है। दस अवतार के नाम से बनाए गए इस बैंड में अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान, डॉ. राम मनोहर लोहिया अस्पताल सहित अन्य अस्पताल के डॉक्टर व तकनीकी छात्र शामिल हुए हैं।
डॉ. मनीष जांगड़ा ने बताया कि बैंड में डॉ. राम मनोहर लोहिया अस्पताल के वरिष्ठ आर्थोपेडिक डॉ. संकल्प, एम्स के रेडियोलॉजिस्ट डॉ सुवरंकर दत्ता, डॉ. प्रियांशु बत्रा, वेदांत राज, तेज प्रताप, आरएमएल अस्पताल के डॉ ध्रुव गर्ग, स्वर्णिम सिंह, डॉ शुभम आनंद झा, डॉ अरुण गर्ग (न्यूरोसर्जन) व अन्य शामिल हैं।
डॉ. मनीष ने कहा कि कोरोना महामारी के बाद से डॉक्टरों के जीवन में तनाव बढ़ गया है। इस तनाव को दूर करने में संगीत मददगार है। कोरोना महामारी के दौरान इसी संगीत की मदद से मरीजों को राहत दी गई थी। यह हमारी पुरानी चिकित्सा पद्धति है। संगीत की मदद से रोगी को जल्द ठीक किया जा सकता है, वहीं खुद को मानसिक रूप से मजबूत बनाया जा सकता है।
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मरीजों का इलाज कर रहे डॉक्टर खुद को तनाव मुक्त बनाने के लिए प्राचीन परंपरागत चिकित्सा पद्धति का सहारा ले रहे हैं। कोरोना महामारी के दौरान इसका इस्तेमाल मरीजों में तनाव को दूर करने के लिए किया गया था। इस विधि के सहारे मरीजों की रिकवरी बढ़ गई थी। इसकी सफलता को देखते हुए डॉक्टरों ने खुद का म्यूजिक बैंड बनाया है। दस अवतार के नाम से बनाए गए इस बैंड में अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान, डॉ. राम मनोहर लोहिया अस्पताल सहित अन्य अस्पताल के डॉक्टर व तकनीकी छात्र शामिल हुए हैं।