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Dr. Shelly murder case
– फोटो : अमर उजाला
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मुरादाबाद शहर का बहुचर्चित यानी डॉ. शैली हत्याकांड आठ साल आठ माह और सात दिन बाद भी अनसुलझा है। इसे पुलिस की कमजोर तफ्तीश कहें या अपराधियों की मजबूत प्लानिंग। इस दौरान 17 पुलिस कप्तान और बीस विवेचक बदल गए। कातिल पकड़ने जाना ता दूर अब तक चार हत्याओं का राज तक नहीं खुला।
अब फिर नए सिरे से तफ्तीश के लिए एसआईटी गठित की गई है। जिन बिंदुओं को पुलिस अब तक छोड़ती रही है। टीम उन पर ही गहनता से काम करेगी और सबूत ढूंढकर कातिलों तक पहुंचने का प्रयास करेगी।
सिविल लाइंस के जिगर कॉलोनी स्थित विद्या सदन में जिला अस्पताल की पूर्व सीएमएम डॉ. शैली मेहरोत्रा, उनके पति डॉ. ओम मेहरोत्रा, ननद डॉ. रश्मि मेहरा, पांच साल की पोती दिव्यांशी उर्फ गिन्नी रहती थीं। 16 मई 2014 की दोपहर चारों के शव आवास में पड़े मिले थे। पोस्टमार्टम से पता चला था गिन्नी गला दबाकर हत्या की गई थी जबकि बाकी तीनों के गले रेतकर मौत के घाट उतारा गया था।
उस वक्त डॉ. शैली के बेटे उज्जवल और बहू बेंगलुरु में मेडिकल की पढ़ाई कर रहे थे। घटना की जानकारी मिलने पर बेटे बहू और रुद्रपुर (उत्तराखंड) में रहने वाली बेटी डॉ. गुंजन भी मुरादाबाद आ गई थीं। चौहरे हत्याकांड के खुलासे की मांग को लेकर शहर में प्रदर्शन हुए और डॉक्टरों ने हड़ताल तक की। इसके बाद बीट सिपाही से लेकर आईजी तक हटा दिए गए। नए अफसरों की तैनाती गई।
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