तस्वीरें: 210 किमी तक विचरण कर चंबल की ओर लौट रहे घड़ियाल, कैमरों से देखी गई लोकेशन

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आगरा की बाह  चंबल की बाढ़ में बसई डांग (धौलपुर) से भरेह (इटावा) तक बहे घड़ियाल करीब 210 किमी का सफर तय कर अपने रहवास वापस लौट आए हैं। मद्रास क्रोकाेडाइल बैंक ट्रस्ट के शोधार्थियों के अध्ययन में यह सामने आया है। घड़ियालों की पूंछ में लगाए गए रेडियो और दृश्य पहचान टैग की ट्रेकिंग से यह शोध किया गया।

मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश, राजस्थान में होकर बहने वाली चंबल नदी में वर्ष 1979 से घड़ियालों के संरक्षण की परियोजना चल रही है। इस साल हुई गणना में 2,108 घड़ियाल मिले हैं। जो दुनिया में इनकी कुल आबादी का 80 फीसदी है। डॉ. जैफ्री लैंग के नेतृत्व में मद्रास क्रोकोडाइल बैंक ट्रस्ट के शोधार्थी पंकज कुमार, जैलाबुद्दीन, दीपू मिश्रा, आनंद कुमार घड़ियाल इकोलॉजी प्रोजेक्ट पर पिछले 13 साल से अध्ययन कर रहे हैं।

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जैलाबुद्दीन ने बताया कि हाल ही में बाह रेंज के गोहरा से रेहा के बीच 4 घड़ियालों की पूंछ में रेडियो और दृश्य पहचान टैग लगाए गए थे। इससे पहले 2019 में 14 घड़ियालों की पूंछ को टैग किया गया था। इनमें 4 घड़ियाल नंदगवां और 10 घड़ियाल बरौली घाट के शामिल थे। इन घड़ियालों को ट्रैक किया गया। 1,339 दिन तक रेडियो सिग्नल के साथ एक घड़ियाल के लिए 652 स्थान दर्ज किए गए।


छोटे घड़ियाल 10 किमी तक पहुंचे

बड़ी मादा घड़ियाल बाढ़ में बाह के नंदगवां से भरेह, इटावा तक बहकर पहुंच गई थीं। अपस्ट्रीम में बसई डांग, धौलपुर तक गईं। इनके करीब 210 किमी के विचरण को रिकाॅर्ड किया गया है। ड्रोन से ली गई सेटेलाइट तस्वीर में बाह के नंदगवां घाट पर टैग किये गये 4 घड़ियालों में से 3 घड़ियाल दिखे। जैलाबुद्दीन के मुताबिक नर घड़ियाल नीचे और मादा घड़ियाल ऊपर दिखाई दिये। इनका मूवमेंट 5 से 10 किमी के बीच रिकाॅर्ड किया गया।


आठ सालों में आबादी

वर्ष –घड़ियाल–मगरमच्छ

2016– 1162– 454

2017– 1255– 562

2018– 1681– 613

2019–1876– 706

2020–1859– 710

2021– 2176– 886

2022–2014– 873

2023–2108– 878


बाढ़ का प्रभाव : पिछले साल घटे थे, इस साल बढ़ गये घड़ियाल

2021 की बाढ का घडियालों की आबादी पर प्रतिकूल प्रभाव पडा था। घड़ियाल 2176 से घटकर 2014 रह गये थे। जबकि मगरमच्छ 886 से घटकर 873 रह गये थे। घडियालों की आबादी में सेंक्चुअरी के अधिकारियों को चिंता में डाल दिया था। रेंजर ने बताया कि इस साल बाढ में घड़ियालों की आबादी को लेकर वन विभाग का अमला सर्तक और सक्रिय रहा था। 2022 की बाढ़ के बाद की गणना में 94 की वृद्धि के साथ घड़ियालों का कुनबा 2108 होना सुखद अहसास कराने वाला है। वहीं 2021 में घडियाल 162 घटे थे। घड़ियाल ही नहीं मगरमच्छों के लिहाज से भी पिछले साल की बाढ़ से आबादी अप्रभावित रही है। 5 की वृद्धि के साथ मगरमच्छ 878 हुए हैं। जबकि 2021 में 13 मगरमच्छ घटे थे।


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