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जहर खाने से पहले पिता ने छोटी बेटी से कहा कि तुमको मरना नहीं है, तुम अपनी बुआ के साथ रहना। इसके बाद उन्होंने मुझे सुला दिया। दुर्गा ने पुलिस को बताया कि उसके सामने ही पिता ने खाने में जहर मिलाया और मेरे सामने ही दोनों खाना खाने लगे।
पिता ने मुझसे कहा की बेटी तुम ये खाना बिल्कुल मत खाना तुम्हें जिंदा रहना है। दुर्गा जब पिता से खाना मांगने लगी, तो वो लोग उठकर कमरे में चले गए और कमरा बंद कर लिया। कुछ देर बाद दोनों की हालत बिगड़ गई। पड़ोसियों ने दरवाजा तोड़कर उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया, जहां डॉक्टरों ने दोनों को मृत घोषित कर दिया।
चचेरे भाई विनोद ने बताया कि डेढ़ साल बाद मनोज मंगलवार को दोनों बेटियों के साथ गांव आया था। घर की साफ-सफाई करने के बाद रात में घटना हुई। फोरेंसिक टीम को कच्चे घर के अंदर से दो गिलास, नमकीन व चूहा मार दवा के खाली पैकेट व दोने मिले हैं। जिसे टीम ने कब्जे में ले लिया।
थाना प्रभारी का दावा है कि प्रथम दृष्टया जांच में पता चला है कि मनोज ने तड़के बेटी मंजीता को जगाकर गिलास में घोलकर जहरीला पदार्थ पिलाने के बाद खुद भी पी लिया। मनोज की मानसिक स्थिति ठीक न होने की बात सामने आ रही है। मामले की जांच की जा रही है।
नमकीन और समोसा लेकर आया था मनोज
छोटी बेटी दुर्गा ने बताया कि शाम को नमकीन व समोसा खाकर सभी लोग सो गए थे। रात में पापा ने जगाकर दीदी को जहर खिलाने के बाद खुद भी खा लिया और उससे बोले, कि तुम मत खाओ। इसके बाद उसे सुला दिया।
दोनों के मोबाइल कब्जे में लिए
छह साल पहले मनोज की पत्नी उसे छोड़कर चली गई थी। उस समय उसने ये कदम नहीं उठाया। अचानक मुंबई से आकर अपने पैतृक गांव में बेटी के साथ इस तरह से जान देने की घटना को पुलिस मुंबई से जोड़कर देख रही है। इस मामले में पुलिस ने मनोज और बड़ी बेटी का मोबाइल कब्जे में लिया है।
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