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खाद्य पदार्थों में मिलावट
– फोटो : अमर उजाला
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उत्तर प्रदेश के आगरा में मिलावटखोरी इस तरह हावी है कि पूरी कीमत देने पर भी लोगों को शुद्ध सामान नहीं मिल रहा है। खाद्य सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन की जांच में दूध, खोया, नमकीन, मिठाई सब में मिलावट मिली। हालत ये है कि 66 फीसदी से अधिक नमूने फेल मिल रहे हैं। त्योहार पर यह आंकड़ा 80 फीसदी तक पहुंच रहा है। इसके सेवन से बीमारियां बढ़ रही हैं।
जिला अभिहित अधिकारी अमित कुमार सिंह ने बताया कि बीते सत्र भेजे 810 नमूनों की रिपोर्ट मिली, जिसमें 541 नमूने फेल मिले। दूध-घी नकली तक मिले। लाल मिर्च और धनिया में बुरादा और रंग पाया गया। सरसों के तेल में पाम ऑयल, एसेंस डाला गया था। चाय को सुखाकर रंग मिलाया गया। त्योहार पर सामग्री की मांग अधिक होने पर नमूने अधिक फेल होते हैं।
त्योहार पर नमूनों की संख्या भी अधिक रहती है। घटिया, मिलावटी और नकली सामान बेचने वालों के खिलाफ कोर्ट में मुकदमा दर्ज हुआ, जिन पर जुर्माना भी लगा। मिलावटी सामान के लिए टोल फ्री नंबर 1800180553 पर शिकायत कर सकते हैं।
बीमारियों की भी बड़ी वजह
एसीएमओ डॉ. नंदन सिंह का कहना है कि नकली-मिलावटी सामग्री के उपयोग से लिवर, किडनी, हृदय रोग, पेट रोग की बीमारियां तेजी से बढ़ रही हैं। यहां तक कि बच्चों का शारीरिक और मानसिक विकास भी प्रभावित हो रहा है। लंबे समय तक इनके उपयोग से युवाओं में मोटापा, कोलेस्ट्राॅल, मधुमेह की भी दिक्कत तेजी से बढ़ रही है।
ये हैं सामग्री :
| खाद्य सामग्री | नमूना | फेल |
| दूध | 228 | 141 |
| खोया | 45 | 39 |
| पनीर | 69 | 59 |
| घी | 27 | 09 |
| मिठाई | 56 | 51 |
| सरसों का तेल | 39 | 13 |
| रिफाइंड | 20 | 10 |
| मसाले | 36 | 22 |
| बेकरी प्रोडक्ट | 18 | 6 |
| नमकीन | 8 | 5 |
| दाल | 8 | 4 |
| सुपारी-पान मसाला | 7 | 5 |
| चाय-काफी | 5 | 1 |
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