दिल्ली में जल संकट: यमुना में बढ़ी अमोनिया की मात्रा, तीन जलशोधक संयंत्र पड़े ठप, यहां प्रभावित रहेगी आपूर्ति

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दिल्ली में पेयजल संकट

दिल्ली में पेयजल संकट
– फोटो : अमर उजाला

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यमुना में अमोनिया की मात्रा बढ़ने से जल बोर्ड के वजीराबाद, चंद्रावल और ओखला जलशोधक संयंत्र पूरी क्षमता से चलने बंद हो गए हैं। इस कारण राजधानी के करीब 30 प्रतिशत इलाके में पेयजल संकट पैदा हो गया है।

यमुना में काफी मात्रा में रसायनिक कचरा बहा दिया गया
जल बोर्ड के अधिकारियों के अनुसार, यमुना में बने वजीराबाद तालाब में शनिवार शाम अमोनिया की मात्रा बढ़ी। इससे तीनों संयंत्रों के अगले कई दिनों तक पूरी क्षमता से चलने की संभावना नहीं है। लिहाजा, इन संयंत्रों से जुडे इलाकों में पानी की आपूर्ति प्रभावित रहेगी। हरियाणा के कई शहरों से यमुना में काफी मात्रा में रसायनिक कचरा बहा दिया गया है। 

इन इलाकों में प्रभावित रहेगी पेयजल आपूर्ति
तीनों संयंत्र पूरी क्षमता से चलने बंद होने से नई दिल्ली, सिविल लाइंस, हिंदूराव अस्पताल, कमला नगर, शक्ति नगर, करोल बाग, पहाड़गंज राजेंद्र नगर, पटेल नगर, बलजीत नगर, प्रेम नगर, इंद्रपुरी, कालकाजी, गोविंदपुरी, तुगलकाबाद, संगम विहार, आंबेडकर नगर, प्रह्लादपुर, रामलीला ग्राउंड, दिल्ली गेट, सुभाष पार्क, मॉडल टाउन, गुलाबी बाग, पंजाबी बाग, जहांगीरपुरी, मूलचंद, साउथ एक्सटेंशन, ग्रेटर कैलाश, बुराड़ी, दिल्ली छावनी व आसपास के इलाकों में पेयजल आपूर्ति प्रभावित रहेगी।

कई इलाकों में दो दिन तक नहीं आएगा पानी
जल बोर्ड अगले दो दिनों तक कई भूमिगत जलाशयों और बूस्टर पंपिंग स्टेशनों की सफाई करेगा। इस कारण कई इलाकों में पेयजल आपूर्ति बाधित रहेगी। जल बोर्ड के अनुसार, सोमवार को गिरी नगर, गोविंदपुरी, कालकाजी, कसाबपुरा, डिप्टी गंज, नबी करीम, सदर बाजार, चावड़ी बाजार, नई सड़क, चांदनी चौक, आनंद पर्वत, बापा नगर, रामजस टैंक बूस्टर एरिया, मयूर विहार, सूरज मल विहार, विश्वास नगर, कस्तूरबा नगर, योजना विहार, श्रेष्ठ विहार, ज्वाला नगर, झिलमिल, वसुंधरा एन्क्लेव, विकासपुरी में पानी नहीं आएगा। जबकि मंगलवार को सीआर पार्क, प्रेम नगर, पटेल नगर, दिलशाद गार्डन, प्रीत विहार, शकरपुर, लक्ष्मी नगर, पटपड़गंज, पश्चिम विनोद नगर, गाजीपुर गांव, तिलक नगर, बिंदापुर में पेयजल आपूर्ति प्रभावित रहेगी।

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यमुना में अमोनिया की मात्रा बढ़ने से जल बोर्ड के वजीराबाद, चंद्रावल और ओखला जलशोधक संयंत्र पूरी क्षमता से चलने बंद हो गए हैं। इस कारण राजधानी के करीब 30 प्रतिशत इलाके में पेयजल संकट पैदा हो गया है।



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