दिल्ली सरकार और अधिकारियों में फिर रार: प्रदूषण नियंत्रण में रोड़ा अटकाने का लगाया आरोप, कहा- डाटा मिलना बंद

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Delhi government accuses officials of creating hurdles in pollution control

गोपाल राय
– फोटो : सोशल मीडिया

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बढ़ते प्रदूषण स्तर के बीच दिल्ली सरकार और अधिकारियों के बीच फिर विवाद खड़ा हो गया है। दिल्ली सरकार ने आरोप लगाया है कि उपराज्यपाल को मिली अतिरिक्त शक्तियों के बाद से अधिकारी मनमानी कर रहे हैं। ऐसे में इस बार प्रदूषण के नियंत्रण को लेकर की जा रही कोशिश की मुहिम फंस गई है। 

दिल्ली सचिवालय में बुधवार को पर्यावरण मंत्री गोपाल राय व सर्विसेज मंत्री आतिशी ने आरोप लगाया कि दिल्ली प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के चेयरमैन अश्वनी कुमार ने प्रदूषण को नियंत्रित करने की मुहिम को पंगु बना दिया है। कैबिनेट के फैसले को पलटते हुए आईआईटी कानपुर को बकाया राशि का भुगतान रोक दिया। इस कारण रियल टाइम सोर्स अपोर्शनमेंट अध्ययन का काम ठप हो गया है और दिल्ली सरकार को प्रदूषण के वास्तविक स्रोतों का डाटा मिलना बंद हो गया है।

सरकार ने आईआईटी कानपुर के साथ मिलकर प्रदूषण के वास्तविक स्रोत का पता लगाने के लिए देश में पहली बार इस तरह की स्टडी कराने का फैसला लिया था। स्टडी पर 12 करोड़ खर्च होने हैं। इनमें से 10.60 करोड़ आईआईटी कानपुर को दिए जा चुके हैं। सर्दियों में बढ़ते प्रदूषण का वैज्ञानिक विश्लेषण करने के लिए इस डाटा की जरूरत थी, ताकि उचित कार्रवाई की जा सके, लेकिन अश्वनी कुमार ने संबंधित मंत्री और कैबिनेट को बिना बताए ऐसा फैसला लिया। बता दें कि दिल्ली में 7 जुलाई 2021 को कैबिनेट ने रियल टाइम सोर्स अपोर्शनमेंट स्टडी कराने का निर्णय लिया था। 

चाहिए वैज्ञानिक अध्ययन

गोपाल राय ने कहा कि प्रदूषण के स्तर में कमी लाने के लिए वैज्ञानिक अध्ययन की जरूरत है। इसकी मदद से पता चलेगा कि किस क्षेत्र में किस कारण प्रदूषण बढ़ रहा है। अक्टूबर में प्रदूषण का स्तर तेजी से बढ़ता है। ऐसे में अश्वनी कुमार ने दिल्लीवालों के साथ जिस तरह का व्यवहार किया है, उसके बाद भी हमने कई बार अध्ययन बंद करने कोशिश की, लेकिन हमें कोई स्पष्ट जानकारी नहीं दी गई। इसे बंद करने के लिए फरवरी से ही कोशिश की जा रही थी। 

अश्वनी कुमार को किया जाए निलंबित 

गोपाल राय ने कहा कि इस मामले में मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को नोट भेजा है। हमने मांग की है कि अश्वनी कुमार को तत्काल निलंबित किया जाए और अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाए। कैबिनेट के निर्णय के अनुसार आईआईटी कानपुर को बकाया 2 करोड़ रुपये तत्काल जारी किए जाएं, ताकि अध्ययन शुरू किया जा सके। साथ ही, शीतकालीन सत्र के समापन के बाद इस क्षेत्र के विशेषज्ञ वैज्ञानिकों से अध्ययन रिव्यू कराया जाए, ताकि आगे निर्णय लिया जा सके।

प्रदूषण गंभीर मुद्दा 

आतिशी ने कहा कि सर्दियों में प्रदूषण गंभीर मुद्दा है। इसका सीधा असर लोगों पर पड़ता है। प्रदूषण को कम करने के लिए दिल्ली सरकार आठ सालों से लगातार काम कर रही है। हमने आईआईटी कानपुर के साथ कई अन्य संगठनों को शामिल किया जिसमें टेरी और आईआईएससीआर शामिल थे। साथ ही, सेंट्रल दिल्ली में एक साइट विकसित की गई, जहां प्रदूषण जांचने के लिए विश्वस्तरीय अत्याधुनिक मशीनें लगाई गईं और एडवांस मैथेमैटिक-कैमिकल मॉडिलिंग के साथ इस अध्ययन को डिजाइन किया गया है।

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