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उत्तर प्रदेश के आगरा में डॉ. भीमराव आंबेडकर विश्वविद्यालय का 88वां दीक्षांत समारोह गुरुवार को संपन्न हुआ। इस मौके पर कुलाधिपति और राज्यपाल आनंदी बेन पटेल ने छात्र-छात्राओं का मनोबल बढ़ाया। वहीं दूसरी तरफ उन्होंने परिसर में भ्रमण करके हाल जाना। छात्र-छात्राओं से बात करके पढ़ाई व अनुशासन के बारे में जानकारी ली। उन्हें विवि के शिकायतों की एक लंबी लिस्ट मिली। इस पर वह अपने भाषण के दौरान जमकर भड़कीं।
विवि से मांगा 10 साल का विजन डाक्यूमेंट
डा. भीमराव आंबेडकर विश्वविद्यालय की कुलाधिपति और राज्यपाल आनंदी बेन पटेल ने अगले दस सालों का विजन डाक्यूमेंट मांगा है। बृहस्पतिवार को विश्वविद्यालय के 88 वें दीक्षांत समारोह में आईं कुलाधिपति छात्र-छात्राओं को मेडल देने के बाद विवि के शिक्षकों, कर्मचारियों पर खूब बरसीं। उन्होंने कहा कि दस साल में विश्वविद्यालय को पूरी तरह से बर्बाद करके रख दिया। अब अगले दस साल में इसे संवारने के लिए विजन डाक्यूमेंट उनके सामने पेश किया जाए।
विवि को बर्बाद करके रख दिया
लगातार दूसरी बार दीक्षांत समारोह में कुलाधिपति के निशाने पर आंबेडकर विवि के शिक्षक रहे। शिकायतों से परेशान कुलाधिपति राज्यपाल आनंदी बेन पटेल ने अपने दीक्षांत भाषण में साफगोई से कहा कि शिक्षकों ने लड़ाई झगड़े के अलावा कुछ नहीं किया। दस साल में विवि को बर्बाद करके रख दिया। पीएचडी हासिल की, पर संस्कार नहीं लिए। उनका परिवार विवि से मिले वेतन से चलता है, पर न सहयोग करते हैं न काम, फिर अध्यापक रहने का कोई अर्थ नहीं।
जो काम करें, उन्हें दें जिम्मेदारी…
राज्यपाल की नाराजगी यहीं नहीं रुकी। उन्होंने कहा कि काम नहीं करना तो मत करिए, पर विवि की बुराई मत करिए। घर बैठिए। कुलपति से कहा कि जो काम करें, उन्हें जिम्मेदारी दें। चार साल बाद जब विवि के 100 साल का उत्सव होगा, तब तक नैक की ए प्लस प्लस ग्रेडिंग लानी होगी। दस साल का विजन डाक्यूमेंट बनाएं और मेरे सामने रखें।
जहां पढ़े राष्ट्रपति व प्रधानमंत्री, क्या हो गई उसकी हालत ?
दीक्षांत समारोह में छात्राओं को प्रोत्साहन देने वाली राज्यपाल ने शिक्षकों को आईना दिखाया। कहा कि 96 साल पुराने जिस विवि में देश के राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री पढ़े हों, उसकी क्या हालत बनाकर रख दी है। डॉ. शंकर दयाल शर्मा, रामनाथ कोविंद, चौ. चरण सिंह, अटल बिहारी वाजपेयी, राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजित डोभाल जैसी हस्तियां यहां से पढ़कर निकलीं हैं। शिक्षक 35 साल तक जिस जगह काम करते हैं, उससे ही प्रेम नहीं है। संवेदनाएं नहीं हैं। समस्याएं देखकर भी कुछ नहीं करते। छात्र-छात्राएं भटकते रहे, पर उनकी समस्याओं के लिए दिल में संवेदनशीलता ही नहीं।
गोल्डन गर्ल हुमा जाफर के हिस्से सर्वाधिक पदक
88वां दीक्षांत समारोह महिला शक्ति के नाम रहा। पूरे कार्यक्रम में महिलाओं का ही बोलबाला रहा। समारोह की अध्यक्षता कुलाधिपति आनंदीबेन पटेल ने की। उन्होंने ही मेधावियों के गले में पदक पहनाएं। 123 में से सर्वाधिक 97 पदक छात्राओं को ही दिए गए। गोल्डन गर्ल हुमा जाफर के हिस्से सर्वाधिक 11 पदक आए।
राज्यमंत्री रजनी तिवारी रहीं अतिथि
दीक्षांत समारोह में छात्र-छात्राओं को डिग्रियां दिए जाने की घोषणा महिला कुलपति प्रो. आशु रानी की ओर से की गई। विश्वविद्यालय में उनका यह पहला दीक्षांत समारोह रहा। इत्तेफाक की बात यह रही कि विशिष्ट अतिथि के तौर पर उच्च शिक्षा राज्यमंत्री रजनी तिवारी की ही उपस्थिति रही। उच्च शिक्षामंत्री योगेंद्र उपाध्याय को शामिल होना था पर उनका कार्यक्रम कहीं और लग गया और वह आ नहीं पाए। मुख्य अतिथि जरूर भारतीय विश्वविद्यालय संघ के पूर्व अध्यक्ष प्रो. एमएम सालुंखे रहे।
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