देव आस्था: माता नयना की जाग में दहकते अंगारों पर चले गूर, दंग रह गए श्रद्धालु

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Kullu News: Gurus and disciples jaag on the burning embers in the wake of Mata Nayana, devotees throng

माता नयना की जाग में दहकते अंगारों पर चले गूर।
– फोटो : संवाद

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हिमाचल प्रदेश के कुल्लू जिले के भुंतर के पिपलागे में बुधवार रात को नयना माता की जाग (उत्सव) मनाई गई। माता नयना की जाग में दहकते अंगारों पर माता के गूर और चेलियां गुजरे। नजारे को देखकर जाग में आए श्रद्धालु दंग रह गए। बुधवार रात्रि जाग के चलते ढोल, नगाड़े और नरसिंगों की स्वरलहरियां गूंज उठीं। नयना माता की जाग में बड़ी संख्या में श्रद्धालु उमड़े।

माता नयना माता के मंदिर में बुधवार दोपहर बाद से ही श्रद्धालुओं के आने का सिलसिला शुरू हो गया था। रात करीब 12 बजे तक यहां पर भजन-कीर्तन हुआ। स्थानीय लोगों ने माता की भेंटें गाकर माहौल को भक्तिमय बना दिया। इसके बाद जाग का सिलसिला आरंभ हुआ। मंदिर परिसर में एक जगह आग जलाई गई थी, आधी रात तक यहां पर सिर्फ दहकते अंगारे ही बचे थे। शीतला माता मंदिर से बुधवार रात करीब 12 बजे के बाद माता नयना अपने मंदिर में आईं तो माता की जय जयकार हो उठी।

दहकते अंगारों पर माता के गूरों और चेलियां चलीं। श्रद्धालुओं ने माता नयना के समक्ष शीश नवाकर आशीर्वाद लिया। त्रिनेत्रा मंदिर कमेटी की ओर से श्रद्धालुओं के लिए भंडारे आदि की व्यवस्था की गई थी। माता के पुजारी अमित महंत ने कहा कि माता शीतला, माता कोयला कलैहली और नागराणी माता थलौट के निशान (चिह्न) भी जाग में शामिल हुए थे। जाग के दौरान दहकते अंगारों पर गूर और चेलियां चलते हैं, लेकिन दैवीय शक्ति से किसी को चोट तक नहीं पहुंचती है। यह परीक्षा की घड़ी होती है। माता नयना के गूर अश्वनी कुमार ने कहा कि माता की जाग में सभी देव परंपराओं का निर्वहन किया गया है।

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