देहरादून: अब घर बैठे लगा सकेंगे 100 किलोवाट तक के सौर ऊर्जा प्रोजेक्ट, नीति में होगा बदलाव

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– फोटो : सोशल मीडिया

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अब घर बैठे 100 किलोवाट तक के सोलर प्रोजेक्ट लगा सकेंगे। त्रिवेंद्र सरकार में शुरू हुई मुख्यमंत्री सौर स्वरोजगार योजना की नीति में बदलाव कर सरकार यह सुविधा देने जा रही है। इसके तहत प्रोजेक्ट की लागत में भी सरकार राहत देगी।

सितंबर 2020 में त्रिवेंद्र सरकार ने मुख्यमंत्री सौर स्वरोजगार योजना लांच की थी, जिसके तहत प्रदेश के दस हजार युवाओं को 25 किलोवाट तक के सोलर प्रोजेक्ट देने का प्रावधान किया गया था। यह भी तय किया गया था कि सात दिन के भीतर सभी औपचारिकताएं पूरी हो जाएंगी लेकिन इसके बावजूद दो साल में 100 प्रोजेक्ट भी नहीं लग पाए। जुलाई 2022 तक 65 प्रोजेक्ट प्रदेशभर में लगे। योजना की समीक्षा की गई तो पता चला कि इसमें कुछ खामियां हैं, जिस वजह से युवाओं का रुझान नहीं बन रहा।

पांच हजार रुपये का क्या स्वरोजगार
शासन ने योजना की समीक्षा में पाया कि इसके तहत केवल 25 किलोवाट तक के प्रोजेक्ट लगा सकते हैं, जिससे एक युवा को करीब चार से पांच हजार रुपये प्रतिमाह की कमाई होती है। वहीं, प्रोजेक्ट की लागत इतनी बढ़ने के बावजूद डीपीआर में अभी पुराने रेट ही चल रहे हैं। लिहाजा, इसमें बदलाव होगा।

100 किलोवाट करने की तैयारी
शासन स्तर से अब इसकी नीति में बदलाव किया जा रहा है। इसके तहत 25 किलोवाट का दायरा बढ़ाकर 100 किलोवाट करने की तैयारी है। वहीं, उत्पादन का खर्च (कोस्ट ऑफ प्रोडक्शन) भी बढ़ गया है, जिसके हिसाब से अब डीपीआर रिवाइज की जाएगी।

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मुख्यमंत्री सौर स्वरोजगार योजना की नीति में थोड़ा बदलाव किया जाएगा। इसके तहत लगने वाले सोलर प्रोजेक्ट की क्षमता बढ़ाने के साथ ही कोस्ट ऑफ प्रोडक्शन के हिसाब से डीपीआर रिवाइज की जाएगी। -आर मीनाक्षी सुंदरम, सचिव, ऊर्जा

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अब घर बैठे 100 किलोवाट तक के सोलर प्रोजेक्ट लगा सकेंगे। त्रिवेंद्र सरकार में शुरू हुई मुख्यमंत्री सौर स्वरोजगार योजना की नीति में बदलाव कर सरकार यह सुविधा देने जा रही है। इसके तहत प्रोजेक्ट की लागत में भी सरकार राहत देगी।

सितंबर 2020 में त्रिवेंद्र सरकार ने मुख्यमंत्री सौर स्वरोजगार योजना लांच की थी, जिसके तहत प्रदेश के दस हजार युवाओं को 25 किलोवाट तक के सोलर प्रोजेक्ट देने का प्रावधान किया गया था। यह भी तय किया गया था कि सात दिन के भीतर सभी औपचारिकताएं पूरी हो जाएंगी लेकिन इसके बावजूद दो साल में 100 प्रोजेक्ट भी नहीं लग पाए। जुलाई 2022 तक 65 प्रोजेक्ट प्रदेशभर में लगे। योजना की समीक्षा की गई तो पता चला कि इसमें कुछ खामियां हैं, जिस वजह से युवाओं का रुझान नहीं बन रहा।

पांच हजार रुपये का क्या स्वरोजगार

शासन ने योजना की समीक्षा में पाया कि इसके तहत केवल 25 किलोवाट तक के प्रोजेक्ट लगा सकते हैं, जिससे एक युवा को करीब चार से पांच हजार रुपये प्रतिमाह की कमाई होती है। वहीं, प्रोजेक्ट की लागत इतनी बढ़ने के बावजूद डीपीआर में अभी पुराने रेट ही चल रहे हैं। लिहाजा, इसमें बदलाव होगा।



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