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मोबाइल गेम के विवाद में 13 साल के दिलखुश की हत्या।
– फोटो : अमर उजाला
विस्तार
बांका के रजौन थाना क्षेत्र के नयाडीह गांव के बहियार में 3 जनवरी को तालाब से एक नाबालिग का शव मिला था। शव की पहचान सीकानपुर गांव निवासी रामदेव यादव के पुत्र दिलखुश कुमार (13) के रूप में की गई। पुलिस ने इस मामले में दो किशोरों को गिरफ्तार कर लिया। गिरफ्तार दोनों आरोपी मृतक के दोस्त हैं। दोनों आरोपियों को गिरफ्तार करने के बाद पुलिस ने उनके निशानदेही पर घटना में उपयोग किए गये गमछे और कैंची को बरामद किया है।
बच्चों ने इस वजह से ले ली दोस्त की जान
एसडीपीओ बिपिन बिहारी ने बताया कि दिलखुश अपने दो दोस्तों के साथ फ्री फायर गेम खेलता था। एक दोस्त सुमित (बदला हुआ नाम) के पास अपना मोबाइल नहीं था। मोबाइल खरीदने को लेकर सुमित ने दिलखुश से दस हजार रुपये उधार लिये, लेकिन उसने वह रकम कहीं और खर्च कर दिया। इस वजह से सुमित मोबाइल खरीद नहीं सका। सुमित अब दिलखुश के मोबाइल से ही गेम खेलने लगा। इस दौरान वह दिलखुश को उसके मोबाइल से गेम खेलने नहीं देता था। इसके विरोध में दिलखुश उधार दिया हुआ रुपया वापस मांगने लगा। इसी बात को लेकर गुस्से में सुमित ने एक अन्य दोस्त के साथ मिलकर दिलखुश को 1 जनवरी की रात आठ बजे घर से बुलाकर बहियार ले गया। वहां दोनों ने मिलकर गमछे से गला घोंट कर उसकी हत्या कर दी। फिर कैंची से उसकी एक आंख को भी फोड़ दिया। फिर शव को पोखर में फेंक दिया।
ऐसे सामने आया गुनाह
घटना के संबंध में एसडीपीओ विपिन बिहारी ने बताया कि दिलखुश कुमार गांव के ही कुछ दोस्तों के साथ मोबाइल में फ्री फायर गेम खेलता था। घटना के दिन आरोपी सुमित का चप्पल मृतक के घर पर छूट गया था। उसी चप्पल पर किए गये जांच में पुलिस ने सुमित और उसके साथ को हिरासत में लिया। जब पुलिस ने दोनों से सख्ती से पूछताछ की तब दोनों आरोपी ने अपने अपराध को स्वीकार करते हुए हत्या करने की बात बताई।
गुनाह से बचने के लिए लिया गूगल का सहारा
घटना के संबंध में एसडीपीओ विपिन बिहारी ने बताया कि गुनाह से बचने के लिए दोनों आरोपियों ने गूगल का सहारा लिया। उनलोगों ने गूगल में सर्च किया कि गुनाह को कैसे छुपाया जाय, जिसमें उन्होंने इस बात को समझा कि मोबाइल के लोकेशन से अपराधी को पुलिस पकड़ लेती है। इसलिए मोबाइल को खुद से दूर कर देना चाहिए। और इसी वजह से दोनों ने दिलखुश का मोबाइल भी पोखर में फेंक दिया। हालांकि पुलिस को अब तक वह मोबाइल नहीं मिला है।
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