धरने पर बैठे दूल्हे राजा: सज-धज कर निकले बराती सड़क पर ही बैठ गए, सात फेरों के लिए दुल्हन को कराया इंतजार

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दूल्हा अमूमन बरात के दिन लक्जरी कार में सूट-बूट पहने नजर आता है पर नैनीताल जिले के हैड़ाखान में मंगलवार को दूल्हा बरात के दिन ही पैदल सड़क नापने के साथ ही धरने पर भी बैठा नजर आया। कुछ देर सड़क खुलवाने की मांग करने के बाद वह पैदल ही बरात लेकर दुल्हन लेने चल दिया। बरात वापसी के दौरान दुल्हन को भी ये दुश्वारियां झेलनी पड़ीं।

इसे नियति ही कहेंगे जिस प्रदेश में मंत्री और नेता एक जिले से दूसरे जिले में आने के लिए हेलीकॉप्टर में उड़ते हैं वहां 23 दिन से बंद सड़क का कोई सुधलेवा नहीं है। इसका खामियाजा लोगों को तमाम दुश्वारियां झेलकर भुगतान पड़ रहा है।

मंगलवार को कोटाबाग के सिसनी गांव निवासी राहुल बिष्ट की शादी पसौली निवासी मोहन सिंह मनराल की बेटी नीतू मनराल से हुई। सुबह बरात हैड़ाखान मार्ग से गुजरी। मार्ग पर वाहनों की आवाजाही प्रतिबंधित है। इस कारण बरातियों की बस और दूल्हे की कार के पहिये भी थम गए। एक व्यक्ति ने उतरकर देखा तो पता चला कि गाड़ियां आगे जा ही नहीं सकतीं।

इसके बाद दूल्हे राजा राहुल ने बरात पैदल ले जाने का ही फैसला किया और थ्री-पीस सूट व सहरा पहने राहुल दुल्हन को लेने निकल पड़े।

करीब एक किलोमीटर का धूल-मिट्टी से भरा पैदल रास्ता और चढ़ाई चढ़कर बरात पसौली गांव पहुंची जहां शादी की रस्म को पूरा करके बरात सकुशल वापस दुल्हन के साथ कोटाबाग लौट गई।

हैड़ाखान मार्ग पर फंसे बराती तो पैदल चल पड़े लेकिन साथ में शादी के सामान से भरा संदूक व अन्य सामान होने की वजह से दिक्कतें और बढ़ गईं।

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नजारा कुछ यूं था कि सूट-बूट पहने बराती कंधे पर संदूक उठाए पैदल पसौली के लिए निकल पड़े। साथ में शादी में धूम मचाने के लिए तैयार छोटे बच्चे, किशोरियां व महिलाओं को भी मजबूरन पैदल चलना पड़ा। बैंड बाजे वालों को भी पैदल ही सफर करना पड़ा।



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