धर्मशाला: शिक्षा बोर्ड ही करवाए 10वीं 12वीं की प्रैक्टिकल परीक्षाएं, राजकीय अध्यापक संघ ने बैठक में रखी मांग

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hgtu: hpbose should conduct practical examinations of class 10th and 12th

राजकीय अध्यापक संघ के प्रदेशाध्यक्ष वीरेंद्र चौहान
– फोटो : अमर उजाला

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10वीं और 12वीं की प्रैक्टिकल परीक्षाएं शिक्षा बोर्ड से करवाने की मांग अध्यापक संघ ने उठाई है। बोर्ड मुख्यालय धर्मशाला में बोर्ड सचिव डॉ. विशाल शर्मा के साथ राजकीय अध्यापक संघ की बैठक हुई। संघ ने मांग रखी कि 10वीं और 12वीं कक्षा की होने वाली परीक्षाएं बोर्ड स्तर पर ही होनी चाहिए। अध्यापक संघ ने कहा कि स्कूलों में इंटरनली होने वाली इन प्रैक्टिकल परीक्षाओं को न तो शिक्षक गंभीरता से लेते हैं और न ही विद्यार्थी। इस पर बोर्ड प्रबंधन ने उचित कार्रवाई करने की बात कही। डीएलएड प्रशिक्षुओं की प्रैक्टिकल परीक्षाएं निजी संस्थानों के बजाय डाइट स्तर पर करवाने की मांग भी की। बैठक का नेतृत्व अध्यापक संघ के प्रदेशाध्यक्ष वीरेंद्र चौहान ने किया।

बैठक में अध्यापक संघ की ओर से बोर्ड सचिव के समक्ष 20 एजेंडे रखे गए, जिनमें से अधिकतर एजेंडों को मानने और कुछ को सरकार के समक्ष रखने की बोर्ड सचिव ने बात कही। वहीं, इस दौरान बोर्ड की ओर से परीक्षाओं और आगामी सत्र को लेकर किए जाने वाले बदलावों को भी बोर्ड के समक्ष रखा। बैठक के दौरान अध्यापक संघ की ओर से मांग की गई कि राजधानी शिमला में अध्यापकों के लिए होली डे होम बनाने की बात कही। इस पर बोर्ड सचिव ने बताया कि ज्वालामुखी में आठ कमरों का होम स्टे तैयार किया गया है। शिमला में होम स्टे बनाने के लिए एफसीए का अड़ंगा है।

प्रश्नपत्र एनसीईआरटी की ही पुस्तकों से पूछे जाएं

बैठक के दौरान शिक्षक संघ ने बोर्ड से मांग की कि परीक्षाओं में प्रश्नपत्र एनसीईआरटी की ही पुस्तकों से पूछे जाएं, ताकि परीक्षार्थी इससे भ्रमित न हों। वहीं, उन्होंने अंग्रेजी और हिंदी व्याकरण के 20 अंक बढ़ाने की मांग की। इसके अलावा उन्होंने बोर्ड प्रबंधन से मांग की कि बोर्ड में सभी विषय विशेषज्ञों की नियुक्ति की जाए, ताकि बोर्ड प्रबंधन को प्रश्नपत्र तैयार करने के लिए दिक्कतों का सामना न करना पड़े। 10वीं-12वीं कक्षा की डेटशीट को जारी करने से पहले शिक्षक संघों के साथ बैठक करने की भी बात कही। पेपर मूल्यांकन दरों को बढ़ाने, फ्लाइंग स्क्वायड में नॉन टीचिंग स्टाफ के बजाय टीचिंग स्टाफ की ड्यूटी लगाने, टीए-डीए के मानदंडों को पहले की तर्ज पर करने, 9वीं और 11वीं कक्षा के प्रश्नपत्रों को भी 10वीं-12वीं परीक्षा के प्रश्नपत्रों की तरह ही ड्रॉप करने और पेपर मूल्यांकन का पारिश्रमिक मौके पर ही देने सहित अन्य मांगें उठाई गईं।

स्कूलों की वार्षिक परीक्षाओं से पहले राजकीय अध्यापक शिक्षक संघ के साथ हिमाचल प्रदेश स्कूल शिक्षा बोर्ड की एक औपचारिक बैठक हुई है। इस बैठक में शिक्षक संघ की ओर कई मांगे और सुझाव दिए गए हैं, जिनमें से अधिकतर पर काम चल रहा है, जबकि कुछ मांगों को प्रदेश सरकार के समक्ष उठाया जाएगा।– डॉ. विशाल शर्मा, सचिव, स्कूल शिक्षा बोर्ड, धर्मशाला

 

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