नए साल की पहली मासिक शिवरात्रि व्रत कब है, जानें शुभ मुहूर्त-पूजा विधि और इस दिन का महत्व

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Paush Shivratri 2024: हिंदू धर्म में मासिक शिवरात्रि का विशेष महत्व है. साल 2024 में पहली मासिक शिवरात्रि मंगलवार 09 जनवरी को है. मासिक शिवरात्रि हर माह के चतुर्दशी तिथि को मनाई जाती है. साल 2024 की पहली मासिक शिवरात्रि पौष माह के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि यानि 09 जनवरी दिन मंगलवार को है. शिवरात्रि शिव और शक्ति के संगम का एक पर्व है. बता दें कि हर महीने कृष्ण पक्ष के 14वें दिन को मासिक शिवरात्रि मनाई जाती है. धार्मिक मान्यता के अनुसार, इस दिन व्रत करने पर इंद्रियों को नियंत्रित करने में मदद करता है, बल्कि उसे क्रोध, ईर्ष्या, अभिमान और लालच जैसी भावनाओं को रोकने में भी मदद करता है. पौष मास की मासिक शिवरात्रि 09 जनवरी को मनाई जाएगी.

मासिक शिवरात्रि कब है?

पंचांग के अनुसार त्रयोदशी तिथि का आरंभ 8 जनवरी 2024 की रात 11 बजकर 58 मिनट पर होगी और इसका समापन 9 जनवरी की रात 10 बजकर 24 मिनट पर होगा. हिंदू पंचाग के अनुसार हर महीने कृष्ण पक्ष के 14वें दिन को मासिक शिवरात्रि मनाई जाती है. यह पर्व न केवल उपासक को अपनी इंद्रियों को नियंत्रित करने में मदद करता है, बल्कि उसे क्रोध, ईर्ष्या, अभिमान और लालच जैसी भावनाओं को रोकने में भी मदद करता है. मासिक शिवरात्रि हर महीने मनाई जाती है.

मासिक शिवरात्रि पूजा

मासिक शिवरात्रि के दिन सुबह उठकर घर की साफ-सफाई करें और गंगाजल युक्त पानी से स्नान करें, इसके बाद आचमन कर व्रत संकल्प लें. श्वेत वस्त्र धारण कर सूर्य देव को जल अर्पित करें. फिर विधि-विधान से भगवान शिव और माता पार्वती की पूजा करें. भगवान शिव का गंगाजल, कच्चे दूध, नारियल जल, गन्ने के रस से अभिषेक करें. भांग, धतूरा, बेलपत्र, शमी के पत्ते, मदार के पत्ते, फल, फूल, नेवैद्य अर्पित करें. इस समय शिव चालीसा का पाठ करें. पूजा के अंत में आरती कर भगवान शिव एवं माता पार्वती से सुख-समृद्धि की कामना करें.

मासिक शिवरात्रि व्रत विधि

  • मासिक शिवरात्रि वाले दिन आप सूर्योदय से पहले उठकर स्नान आदि कर लें.

  • अब आप किसी मंदिर में जा कर भगवान शिव और उनके परिवार (पार्वती, गणेश, कार्तिक, नंदी) की पूजा करें.

  • सबसे पहले आप शिवलिंग का रुद्राभिषेक जल, शुद्ध घी, दूध, शक़्कर, शहद, दही आदि से करें.

  • अब आप शिवलिंग पर बेलपत्र, धतूरा और श्रीफल चढ़ाएं. ध्यान रहे कि बेलपत्र अच्छी तरह साफ किए होने चाहिए.

  • अब आप भगवान शिव की धुप, दीप, फल और फूल आदि से पूजा करें.

  • शिव पूजा करते समय आप शिव पुराण, शिव स्तुति, शिव अष्टक, शिव चालीसा और शिव श्लोक का पाठ करें.

  • अगले दिन भगवान शिव की पूजा करें और दान आदि करने के बाद अपना उपवास खोलें.

मासिक शिवरात्रि का महत्व

शिवरात्रि के व्रत की महिमा बहुत ही प्रभावशाली माना जाता है. मासिक शिवरात्रि में व्रत, उपवास रखने से सभी मनोमनाएं पूरी होती हैं, इस दिन व्रत करने से हर मुश्किल कार्य आसान हो जाता है और जातक की सारी समस्याएं दूर होती हैं. मासिक शिवरात्रि के दिन की महिमा के बारे में यह भी कहा जाता है कि वो कन्याएं जो मनोवांछित वर पाना चाहती हैं इस व्रत को करने के बाद उन्हें उनकी इच्छा अनुसार वर मिलता है और उनके विवाह में आ रही रुकावटें दूर हो जाती हैं.

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