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गोरखपुर विकास प्राधिकरण
– फोटो : Social Media
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नया गोरखपुर परियोजना के मद्देनजर जमीन देने के लिए गोरखपुर विकास प्राधिकरण (जीडीए), एक बार और किसानों को मनाने का प्रयास करेगा। इसके पहले प्राधिकरण दो चरणों में किसानों से बात कर चुका है लेकिन दोनों ही बार निराशा हाथ लगी। प्राधिकरण के अधिकारियों का कहना है कि वे एक बार और किसानों से संवाद करेंगे। यदि इस बार भी किसान नहीं माने तो नया गोरखपुर परियोजना को दूसरे क्षेत्र में विकसित करने पर विचार शुरू कर दिया जाएगा।
छह हजार एकड़ क्षेत्रफल में नया गोरखपुर विकसित करने का प्रस्ताव है। प्राधिकरण ने शहर के उत्तर दिशा में बालापार-महराजगंज मार्ग के गांवों एवं कुसम्ही क्षेत्र में कुशीनगर रोड के गांवों में जमीन अधिग्रहण की कार्ययोजना बनाई है। पहले चरण में 60 गांवों से जमीन अधिगृहीत करने की तैयारी थी लेकिन विस्तृत सर्वे के बाद पता चला कि 24 गांवों से ही छह हजार एकड़ भूमि की जरूरत पूरी हो जाएगी।
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प्राधिकरण के उपाध्यक्ष ने सचिव, प्रभारी मुख्य अभियंता और अभियंताओं आदि की टीम गठित की थी और हर गांव के किसानों से दो-दो बार संवाद कराया था। मगर किसान माने नहीं। केवल एक गांव दौलतपुर के नौ किसान ही जमीन देने पर सहमत हुए। जबकि, अन्य गांवों के किसानों ने यह कहते हुए जमीन देने से इन्कार कर दिया कि प्रशासन सात साल पहले तय सर्किल रेट का चार गुना मुआवजा दे रहा है जो वर्तमान बाजार दर का आधा भी नहीं है। कुछ किसान जमीन देना ही नहीं चाहते। उनका कहना है कि यहां खेती कर ही वह घर का खर्च चलाते हैं। वहीं प्राधिकरण सर्किल रेट के चार गुणा के बराबर मुआवजे की राशि को पर्याप्त बता रहा है।
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