पटना में दूसरे वाहनों का फर्जी नंबर प्लेट लगाकर दौड़ रही गाड़ियां, पुलिस से बचने के लिए अपराधियों की करतूत जानिए..

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नितिश, पटना: सकर्त हो जाइए, कहीं बिना गलती किये हुए आपके पास यातायात विभाग का चालान न आ जाए. दरअसर, पटना में एक ही नंबर पर दो-दो गाड़ियां चल रही हैं. हीरो बाइक का नंबर बुलेट पर भी है, तो किसी बाइक का नंबर इ-रिक्शा पर लगाया गया है. इसी प्रकार जीप का नंबर स्कॉर्पियो में लगाया गया है. पटना पुलिस ने ऐसे ही 58 वाहन नंबरों की पहचान की है, जो दूसरे वाहनों पर भी लगे हुए हैं.

ऐसे हुआ खुलासा..

इसका खुलासा उस समय हुआ, जब आपराधिक गतिविधि या यातायात नियमों का उल्लंघन करने के लिए असली मालिकों के पास जुर्माने का मैसेज भेजा गया या फिर उनके दरवाजे पर पुलिस जांच करने पहुंच गयी. जांच के बाद पता चला कि जिस गाड़ी की शिकायत पहुंची है, उसका मालिक कोई और है और उसकी गाड़ी भी दूसरी है. इन तमाम वाहनों की सूची को पटना जिले के हर थाने को भेजा गया है. साथ ही फर्जी नंबर वाले वाहनों को पकड़ने के लिए कहा गया है.

पुलिस से बचने के लिए अपराधियों की करतूत

पुलिस से बचने के लिए अपराधी आम लोगों के वाहनों के नंबर का इस्तेमाल कर रहे है. यह स्पष्ट है कि गाड़ी चोरी की है और उस पर दूसरे वाहन के नंबर लगा कर घटना को अंजाम दिया जा रहा है. सूत्रों के अनुसार, अपराध के एक मामले में पुलिस ने एक स्कूटी के नंबर को ट्रेस किया. इसके बाद उस वाहन के मालिक तक पुलिस पहुंच गयी. नंबर भी सही था, लेकिन वह बाइक का था. इसी प्रकार, एक दोपहिया वाहन की पुलिस ने आपराधिक गतिविधि में संलिप्त होने के कारण पहचान की और उसके मालिक के पास जा पहुंची. वहां पर पुलिस को जानकारी मिली कि नंबर तो सही है, लेकिन वह कार का है. ट्रैफिक पुलिस ने भी कई वाहनों पर जुर्माना किया, लेकिन उसके मालिकों ने शिकायत की कि उनके पास स्कूटी है और जुर्माना का जो फोटो भेजा गया है, वह बाइक का है.

एक ही नंबर के दो वाहन धडल्ले से चल रहे..

इसी प्रकार, पियाजो टेंपो का नंबर बाइक पर मिला है. स्कूटी का नंबर बुलेट पर मिला है. एक महिला की कार का नंबर भी बदमाशों ने स्कूटी में लगा रखा था. लोगों की शिकायत व पुलिस की जांच के बाद यह स्पष्ट हो गया कि एक ही नंबर के दो-दो वाहन शहर में धड़ल्ले से चल रहे हैं. अब तक फर्जी नंबर वाले वाहनों को पकड़ा नहीं जा सका है.

बदमाशों की करतूत से आम लोग परेशान..

बदमाशों की करतूत के कारण आम लोग परेशान हो रहे हैं. पुलिस उन्हें जुर्माना की रसीद भेज दे रही है या छानबीन करने के लिए पुलिस दरवाजे तक पहुंच जा रही है. असली वाहन मालिकों को पुलिस के सामने यह साबित करना पड़ रहा है कि नंबर तो उनके ही वाहन का है, लेकिन जिस गाड़ी से घटना को अंजाम दिया गया है, वह उनकी नहीं है.

आइए, जानते हैं ऐसे कुछ केस के बारे में..

  • मैडी सनुला की कार पर बीआर 01पीके 3780 नंबर अंकित है. यह सही नंबर है. लेकिन, बदमाशों ने इनकी कार के नंबर को बाइक पर लखा रखा है.
  • कन्हैया उपाध्याय की होंडा शाइन बाइक का नंबर बीआर 01 इएस 4517 है. पुलिस को यह एक बुलेट पर भी लगा मिला है.
  • अंजली कुमारी की कार संख्या बीआर 01 एफवाइ 3362 है, लेकिन यही नंबर एक स्कूटी पर मिला है.
  • राजेश कुमार के जीप का नंबर बीआर 01पीएफ 8360 है. इस नंबर को बदमाशों ने एक स्कॉर्पियो पर फर्जी तरीके से लगा दिया है.

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