पलभर में बह गया सब कुछ: मौत के मंजर को आंखों के सामने देखकर दशहत में लोग, बोले- मलबे के सिवा कुछ नजर नहीं आया

[ad_1]


भाई साहब रात के लगभग 11.30 बजे रहे थे, दुकान बंद कर सोने की तैयारी कर रहे थे। इस दौरान हल्की बारिश हो रही थी, तभी तेज आवाज के साथ भरभराकर पहाड़ी का ढेर आंखों के सामने था… फिर मलबे के सिवा कुछ नजर नहीं आया।

ये शब्द भूस्खलन से बही दुकानों के समीप ही दुकान संचालन करने वाले राजेश रावत व संदीप रावत के हैं। कहना है कि पलभर में मौत का मंजर आंखों के सामने था, किसी को बचान तो दूर, पलक झपकने का समय नहीं मिला।

अगस्त्यमुनि ब्लॉक के डडोली गांव निवासी राजेश रावत, संदीप रावत ने भी डाटपुल के समीप दुकान खोली थी। 25 अप्रैल से अभी तक वह हां अपनी दुकानों में थे। घटना को याद करते हुए वह बताते हैं कि रात के 11 बजे तक अमर बोहरा, नीर बहादुर व अन्य दुकान में ग्राहक थे।

उन्होंने खाना खाया और अपने कमरों में सोने के लिए चले गए। इस दौरान हल्की बारिश हो रही थी। अब, सभी दुकानदार भी खाना खाकर अपनी-अपनी दुकानें बंद करने की तैयारी कर रहे थे। जबकि कुछ दुकानदार, होटल-ढाबा वाले, सुबह के नाश्ते के लिए आलू-चना उबालने में जुटे थे।



लगभग 11.30 बजे का समय था, तेज आवाज के साथ पलक झपकने से पहले पहाड़ी का एक बड़ा हिस्सा भारी मलबे के साथ सड़क पर गिरा और अमर बोहरा, नीर बहादुर सहित तीन लोगों की दुकानों को बहाकर ले गया।


कुछ समय में नहीं आया कि क्या हुआ, सिर्फ आंखों के समाने मलबे का ढेर था… किसी को बचाना तो बडी बात थी, दिमाग ने सोचना भी बंद कर दिया था।


घटना के लगभग आधे घंटे बाद रेस्क्यू दल भी पहुंच गया था। लेकिन रात के अंधेरे में किसी के पास करने के लिए कुछ नहीं था।

 

ये भी पढ़ें…गौरीकुंड हादसा: ऊपर से दरकती पहाड़ी, नीचे नदी का ऊफान..चल रहा खोजबीन अभियान, खौफनाक मंजर बयां करती तस्वीरें


वहीं, हादसे को अपनी आंखों से देखने वाले मोंटी ने बताया कि प्रियांशु अपनी दुकान से बस बाहर निकलकर चंद कदम आगे बढ़ा ही था कि भूस्खलन का मलबा उसकी दुकान सहित उसे अपने आगोश में ले गया।


[ad_2]

Source link

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *