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अनुग्रह नारायण रोड घाट स्टेशन
– फोटो : अमर उजाला
विस्तार
पितरों के लिए मोक्षदायिनी पितृपक्ष में पितृ तर्पण के लिए बिहार की अंर्तराष्ट्रीय धर्म नगरी गया प्रसिद्ध है। यहां गंगा पुनपुन नदी के तट पर पितरों को प्रथम पिंडदान करने आने वाले देशी-विदेशी पिंडदानी यात्रीगण कृपया ध्यान दें। आपके लिए पूर्व मध्य रेल ने गया श्राद्ध के प्रवेश द्वार और पितृ तर्पण की पौराणिक प्रथम वेदी आदि गंगा पुनपुन नदी के तट पर आने के दौरान सुगम यातायात की सुविधा प्रदान करने के लिए पुनपुन नदी के तट पर स्थित औरंगाबाद के अनुग्रह नारायण रोड पुनपुन घाट हाल्ट पर एक दर्जन जोड़ी सवारी और एक्सप्रेस ट्रेनों का अस्थायी ठहराव सुनिश्चित किया है। ये ट्रेनें पूरे पितृपक्ष के दौरान 28 सितंबर से 14 अक्टूबर तक यहां नियमित रूप से रुकेंगी।
आठ जोड़ी एक्सप्रेस और चार जोड़ी पैसेंजर ट्रेनों का होगा ठहराव
पूर्व मध्य रेल के मुख्य जनसंपर्क अधिकारी (सीपीआरओ) वीरेंद्र कुमार ने बताया कि अनुग्रह नारायण रोड पितृपक्ष स्नान-पिंडदान घाट पर पितृपक्ष मेला के दौरान श्रद्धालु यात्रियों की सुविधा के लिए रेलवे द्वारा 28 सितंबर से 14 अक्टूबर तक आठ जोड़ी एक्सप्रेस ट्रेनों का दो-दो मिनट का अस्थायी ठहराव प्रदान किया जा रहा है। साथ ही चार जोड़ी सवारी गाड़ियों के अस्थायी ठहराव को भी स्वीकृति दी गई है।
इन आठ जोड़ी एक्सप्रेस ट्रेनों का होगा ठहराव
उन्होंने बताया कि जिन आठ जोड़ी एक्सप्रेस ट्रेनों का ठहराव तय किया गया है, उनमें ये ट्रेनें शामिल हैं:-
1. गाड़ी सं. 18625/18626 पूर्णिया कोर्ट-हटिया-पूर्णिया कोर्ट एक्सप्रेस
2. गाड़ी सं. 18623/18624 इसलामपुर-हटिया-इसलामपुर एक्सप्रेस
3. गाड़ी सं. 13243/13244 पटना-भभुआ रोड-पटना इंटरसिटी एक्सप्रेस
4. गाड़ी सं. 13347/13348 पटना-बरकाकाना-पटना पलामू एक्सप्रेस
5. गाड़ी सं. 13349/13350 सिंगरौली-पटना-सिंगरौली एक्सप्रेस
6. गाड़ी सं. 12365/12366 पटना-रांची-पटना जनशताब्दी एक्सप्रेस
7. गाड़ी सं. 13329/13330 पटना-धनबाद-पटना गंगा दामोदर एक्सप्रेस
8. गाड़ी सं. 14223/14224 राजगीर-वाराणसी-राजगीर बुद्धपूर्णिमा एक्सप्रेस
इन चार जोड़ी पैसेंजर ट्रेनों का भी होगा ठहराव
सीपीआरओ ने बताया कि आठ जोड़ी एक्सप्रेस ट्रेनों के अलावा चार जोड़ी सवारी (पैसेंजर) ट्रेनों के अस्थायी ठहराव को भी स्वीकृति प्रदान की गई है। उन्होंने कहा कि 28 सितंबर से 14 अक्टूबर तक अनुग्रह नारायण रोड और चिरैला पौथू के बीच स्थित अनुग्रह नारायण रोड स्नान घाट स्टेशन पर इन चार जोड़ी पैसेंजर ट्रेनों को दो-दो मिनट का अस्थायी ठहराव प्रदान किया जा रहा है:-
1. गाड़ी सं. 03383/03384 गया-डीडीयू-गया मेमू पैसेंजर स्पेशल
2. गाड़ी सं. 03691/03692 गया-डेहरी ऑन सोन-गया मेमू पैसेंजर स्पेशल
3. गाड़ी सं. 03381/03382 गया-डेहरी ऑन सोन-गया मेमू पैसेंजर स्पेशल
4. गाड़ी सं. 13305/13306 धनबाद-सासाराम-धनबाद इंटरसिटी पैसेंजर
हर साल पितृपक्ष में रुकती हैं ट्रेनें
अनुग्रह नारायण रोड रेलवे स्टेशन के स्टेशन प्रबंधक अरविंद कुमार ने बताया कि पितृ तर्पण की प्रथम वेदी पुनपुन नदी के घाट पर पिंडदानियों के सुगम आवागमन को लेकर पूरे पितृपक्ष के दौरान हर साल रेलवे द्वारा अनुग्रह नारायण रोड घाट स्टेशन पर ट्रेनों का ठहराव सुनिश्चित किया जाता रहा है। उन्होंने कहा कि पिंडदान के लिए यहां आने वाले पिंडदानी यात्रियों को सुविधा प्रदान करने के लिए भारतीय रेल कृत संकल्पित है।
पितृपक्ष में तर्पण व पिंडदान से होती पितरों को मोक्ष की प्राप्ति
पौराणिक मान्यताओं के अनुसार पितृपक्ष में पित्तरों को तर्पण और मोक्ष की प्राप्ति होती है। पुराणों में आदि गंगा के रूप में वर्णित पुनपुन नदी को गया श्राद्ध की प्रथम वेदी और प्रवेश द्वार कहा गया है। इसी वजह से पितृपक्ष में गया में पिंडदान करने के पूर्व सर्वप्रथम पुनपुन नदी के तट पर ही पितरों को पहला पिंड देने का विधान सदियों से चला आ रहा है। कहा जाता है कि पुनपुन नदी में प्रथम पिंड दिए बगैर गया में किया गया पिंडदान व्यर्थ चला जाता है और वह पितरों को प्राप्त नहीं होता है। पुनपुन नदी औरंगाबाद के नबीनगर प्रखंड में झारखंड की सीमा पर स्थित टंडवा के पास की पहाड़ी से निकली है। यह नदी औरंगाबाद, गया और जहानाबाद जिले से होती हुई पटना में फतुहा के पास गंगा नदी में मिलकर विलीन हो जाती है।
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