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फिल्म पुष्पा में जिस तरह लाल चंदन की तस्करी को फिल्माया गया, उसी तरह तस्कर भी तस्करी कर रहे हैं। कभी शराब तो कभी गांजा की तस्करी कर रहे हैं, लेकिन पुलिस से नहीं बच पा रहे हैं। डीसीपी सिटी विकास कुमार ने बताया कि थाना ताजगंज पुलिस, स्वाट और साइबर टीम को गोपनीय सूचना मिली थी। इसके बाद एक कंटेनर को पकड़ लिया गया। कंटेनर को देखा गया तो वो खाली था। इसके बाद पुलिस ने चालक केबिन को चेक किया। इसमें क्लीनर सीट के नीचे चादर से छिपी हुई एक खिड़की नजर आई। इसके दरवाजे को सब्बल की मदद से खोला गया। दरवाजे के पीछे विशेष केबिन बना हुआ था। इसमें बोरियों में गांजा भरा था। गांजे का वजन 275 किलोग्राम है।
मथुरा में होना था सप्लाई
पुलिस ने बताया कि आरोपी चालक मथुरा के छाता स्थित गांव चंदौली निवासी राजकुमार जाटव और परिचालक जौनपुर के भटौली निवासी विशाल है। राजकुमार कंटेनर का मालिक भी है। दोनों ने बताया कि वह ओडिशा के भुवनेश्वर के जंगल से गांजा लेकर आए थे। गांजे की सप्लाई मथुरा में की जानी थी। इसके बाद इसे विक्रेताओं के पास तक पहुंचा दिया जाता। गांजा की बाजार में कीमत 30 लाख रुपये है, जबकि यह इसे आधी से कम कीमत पर खरीदकर लाए थे।
रास्ते में बैठाया था राहगीर
पुलिस ने बताया कि कंटेनर के केबिन में चालक राहगीरों को बैठाकर लाते हैं, जिससे पुलिस शक नहीं करे। राजकुमार ने एक राहगीर को बैठाया था। वह भी पकड़ा गया। उस पर फिलहाल कोई कार्रवाई नहीं की गई है। हालांकि पुलिस राहगीर के बारे में जानकारी ले रही है।
पहले भी पकड़े गए मामले
गांजे की तस्करी का यह पहला मामला नहीं है। पूर्व में भी कई बार गांजा तस्कर पकड़े जा चुके है। पुलिस कभी ट्रक तो कभी कार में गांजा की तस्करी पकड़ चुकी है। टैंकर में भी ले जाते हुए पकड़े गए थे।
पुलिस हर बार चालक और परिचालक पर कार्रवाई करती है। मगर, गांजे की खेप मंगाने वाले असली आरोपी नहीं पकड़े जाते हैं। गांजे की सप्लाई आगरा से होते हुए मथुरा, दिल्ली और पंजाब तक हो रही है। बड़ी-बड़ी पार्टियों में नशे की मांग अधिक होने की वजह से तस्कर यह काम कर रहे हैं।
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