प्रयागराज : विरासत को आगे न बढ़ा पाई मांडा की हवेली, वीपी सिंह के बाद परिवार का कोई सदस्य नहीं जमा पाया पैर

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Manda mansion could not carry forward the legacy, after VP Singh no member of the family could establish

विश्वनाथ प्रताप सिंह, पूर्व प्रधानमंत्री। फाइल फोटो
– फोटो : अमर उजाला

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मंडल कमीशन की सिफारिशें लागू कर सामाजिक ताने-बाने में उथल-पुथल मचाने वाले पूर्व प्रधानमंत्री विश्वनाथ प्रताप सिंह के बाद उनके परिवार का कोई चेहरा राजनीति में उभर न पाया। विरासत में मिली राजनैतिक हैसियत के दम पर उनके पुत्र अजय सिंह एक बार फतेहपुर संसदीय क्षेत्र से मैदान में उतरे तो नतीजा बेहद निराशाजनक रहा।

वीपी सिंह मांडा राजघराने से ताल्लुक रखते थे। पुराने लोग उन्हें राजा मांडा ही कहा करते थे। हालांकि, उनका राजनीतिक जीवन राज वैभव से जुदा रहा। तभी तो उनके लिए नारा गढ़ा गया- राजा नहीं फकीर है, भारत की तकदीर है। शुरुआत से लेकर राजनीतिक अवसान तक भ्रष्टाचार को उन्होंने मुद्दा बनाए रखा।

कहना गलत न होगा कि 1990 में मंडल कमीशन की सिफारिशें लागू होने के बाद दलित और पिछड़ा वर्ग में जो उभार आया, उसके पीछे वीपी सिंह का बड़ा हाथ है। ये अलग बात है कि बाद में क्षेत्रीय पार्टियों ने इसे कैश कर अपना राजनीतिक आधार बना लिया और वीपी हाशिये पर चले गए।

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