[ad_1]

– फोटो : सोशल मीडिया
विस्तार
सवा सौ नर्सिंग व पैरा मेडिकल संस्थानों को फर्जी मान्यता देने के मामले में पुलिस की जांच में बड़ा खुलासा हुआ है। फर्जीवाड़े में मास्टरमाइंड की पत्नी भी शामिल रही है। दस्तावेजों में उसके खिलाफ पुख्ता साक्ष्य हैं। पुलिस की एक टीम जल्द दंपती से पूछताछ करने के लिए बरेली जाएगी। वहीं, राजधानी के गोमतीनगर स्थित आरोपी के दफ्तर में ताला पड़ गया है।
उप्र स्टेट पैरा मेडिकल फैकल्टी की तरफ से बीते बुधवार को विभूतिखंड थाने में एक एफआईआर दर्ज कराई गई थी। इसमें आरोप लगाया गया था कि स्टेट पैरा मेडिकल फैकल्टी के नाम से प्रदेश में करीब सवा सौ संस्थानों को फर्जी मान्यता दी गई।
ये भी पढ़ें – यूपी निकाय चुनाव: भाजपा ने दूसरे चरण के घोषित किए प्रत्याशी, मुस्लिम उम्मीदवारों को भी दिया टिकट
ये भी पढ़ें – सपा के लिए बड़ा झटका: शाहजहांपुर से पार्टी की मेयर प्रत्याशी भाजपा में हुईं शामिल
एडीसीपी पूर्वी सैयद अली अब्बास ने बताया कि जांच में सामने आया कि बरेली का सुधीर यादव नाम का शख्स फर्जीवाड़े का मास्टरमाइंड है। उसी ने फर्जी वेबसाइट तैयार कर ऑनलाइन प्रक्रिया के जरिये फर्जी मान्यता देने लगा। जो उसके झांसे में आए उन्होंने रकम जमा की। उसके आधार पर उसको फर्जी मान्यता का दस्तावेज थमा दिया गया। इसमें सुधीर की पत्नी की भी मिलीभगत रही।
फर्जीवाड़े संबंधी दस्तावेजों में उसका नाम कई जगह दर्ज है। जो उनके खिलाफ सुबूत हैं। एडीसीपी ने बताया कि आरोपी को नोटिस जारी किया गया है। जल्द ही आरोपियों से पूछताछ शुरू की जाएगी।
कर्मचारियों को क्लीनचिट
पुलिस टीम सुधीर के दफ्तर पहुंची थी। जहां पर दो महिला कर्मचारी थीं। दोनों का काम आवेदन संबंधी दस्तावेजों की फाइल तैयार करना व उससे संबंधित जानकारी साझा करना था। एडीसीपी ने बताया कि इन कर्मचारियों की कोई भूमिका फर्जीवाड़े में नहीं मिली है। वे 10-10 हजार रुपये प्रतिमाह सेलरी पर नौकरी करती थीं।
[ad_2]
Source link