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– फोटो : सोशल मीडिया
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इलाहाबाद हाईकोर्ट ने हाथरस तहसील सैदाबाद में कनिष्ठï सहायक नायब नजीर केपद पर तैनात कर्मचारी सौरभ की रोकी गई वेतन वृद्धि पर फिर से सुनवाई करने का आदेश पारित किया है। कोर्ट ने कहा है कि कर्मचारी को सुने बिना वेतन वृद्धि के आदेश पर रोक लगाने पर प्राकृतिक न्याय के सिद्धांतों का पालन नहीं किया गया। कोर्ट ने कहा कि कर्मचारी उसके आदेश की प्रति मिलने के बाद चार महीने में कर्मचारी को सुनवाई का पूरा मौका देते हुए नए सिरे से आदेश पारित करें।
याची के अधिवक्ता ने कहा कि जांच अधिकारी ने उसके खिलाफ आदेश पारित करते समय उसे सुना ही नहीं। उसे जांच की तारीख, समय और स्थान की उचित सूचना ही नहीं दी गई थी। इसके साथ ही न तो उन दस्तावेजों का उल्लेख किया गया है, जिस पर जांच अधिकारी ने भरोसा किया है और न ही यह इंगित करने के लिए कोई सामग्री है, जिस पर जांच अधिकारी ने भरोसा किया था।
जांच अधिकारी द्वारा पारित आदेश यूपी सरकार सेवक (अपील और अनुशासनात्मक) नियम 1999 के नियम-सात का अनुपालन किए बिना की गई है। कोर्ट ने याची के तर्कों को स्वीकार करते हुए उच्च अधिकारी द्वारा पास किए गए आदेश को रद्द किया जाता है।
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