बदलते मौसम का असर: तेजी से धड़क रहा दिल, सिकुड़ रहीं धमनियां; विशेषज्ञ की सलाह पर बरतें ये सतर्कता

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Heart patients increased by 30 percent in BHU hospital due to change in weather

सांकेतिक तस्वीर।
– फोटो : अमर उजाला

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मौसम में बदलाव का असर सेहत पर दिख रहा है। अस्पतालों में इन दिनों हृदय रोगियों की संख्या में बढ़ोतरी हुई है। बीएचयू अस्पताल के हृदय रोग विभाग की ओपीडी में लोग बेचैनी, दिल की धड़कन बढ़ने के साथ ही सीने में दर्द की समस्या लेकर आ रहे हैं। जांच के बाद पता चल रहा है कि किसी का दिल ज्यादा धड़क रहा है तो किसी के शरीर में खून की धमनियां सिकुड़ती जा रहीं हैं।

ज्यादा ठंड में पहले से हृदय रोग से ग्रसित लोगों को परेशानी और बढ़ जाती है, डॉक्टर ऐसे लोगों को विशेष सतर्कता बरतने की सलाह दे रहे हैं। बीएचयू हृदय रोग विभाग के अध्यक्ष प्रो. ओमशंकर का कहना है कि सामान्य दिनों में 300 से 400 मरीजों की ओपीडी में पहले औसतन 100 लोगों में तेजी से दिल धड़कने की समस्या मिलती थी, उसमें भी 50 साल से अधिक उम्र वाले होते थे। इधर ओपीडी में दिल की धड़कन बढ़ने की समस्या वालों की संख्या 140 से 150 तक पहुंच जा रही है। खास बात यह है कि 50 से कम उम्र वाले भी इस समस्या से ग्रसित हो रहे हैं।

ठंड आते ही सिकुड़ने लगती है नलियां

प्रो. ओमशंकर के अनुसार ठंड आते ही शरीर में खून की नलियां सिकुड़ने लगती हैं। हृदय की धमनियों में जरूरत के अनुसार खून नहीं पहुंच पाता है। इससे ब्लड प्रेशर भी बढ़ता है और दिल के धड़कने की गति बढ़ जाती है। दोनों की वजह से हार्ट अटैक की संभावना बढ़ जाती है। स्वस्थ व्यक्ति के दिल की धड़कन 60 से 80 बार प्रति मिनट होती है, लेकिन ठंड के समय कई लोगों में यह बढ़कर 100 के पार पहुंच जा रही है।

बचाव के उपाय

  • ठंडा भोजन लेने से परहेज करें।
  • ठंडा पानी न पीएं और एकदम सुबह ठंडे पानी से नहाने से बचें।
  • धूप न निकले तो बाहर टहलने से बचना चाहिए।
  • घर के अंदर ही आधा घंटा व्यायाम करना चाहिए।

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