[ad_1]
ये भी पढ़ें: प्रधानमंत्री आवास योजना में राहुल गांधी को दें घर, वाराणसी के एक वकील ने पीएम मोदी को लिखा पत्र
मेले के आकर्षण का केंद्र सोलह श्रृंगार कर दुल्हन बने डॉ. एके पांडेय नगाड़े की धुन पर लंगड़ाते हुए और दूल्हा बनी आशा पांडेय मटकते हुए आईं। पुरोहित उज्जवल पांडेय ने अवैदिक और अर्थ शून्य मंत्र पढ़ते हुए विवाह की रस्में कराईं। विवाह होते ही दूल्हा-दुल्हन में विवाद हो गया।
दुल्हन की दाढ़ी व मूंछ देख दूल्हा भड़क गया। दूल्हे ने आव देखा न ताव और मंच पर पहुंचकर माइक छीनते हुए ऐलान कर दिया कि यह शादी उसे मंजूर नहीं है। मंच पर मौजूद कवियों ने जोड़े को एक साल तक साथ रहकर कोई निर्णय करने की सलाह दी, लेकिन महिला दूल्हा ने किसी की सलाह मानने से मना कर दिया।
इसके बाद कवि सांड़ बनारसी ने बुलडोजर को देखिए जमी हुई है धाक, बड़ी-बड़ी बिल्डिंग करे पल भर में ही खाक… सुनाकर हास्य रस की बरसात शुरू कराई। दमदार बनारसी ने जिस दिन से राजनीति की महफिल में घुस गए, उस दिन से ही योगी जी सबके दिल में घुस गए…, दो चार के घरों पे ये बुलडोजर क्या चला, अपराधी माफिया तो सारे बिल में घुस गए…सुनाकर तालियां बटोरीं। बादशाह प्रेमी ने दर्शकों को गुदगुदाया। श्याम लाल यादव फक्कड़ गाजीपुरी ने बुल्डोजरा क किस्मत देखा, सरकारी मेहमान भइल बा…सुनाया।
शनिवार गोष्ठी के अध्यक्ष जगदंबा तुलस्यान और सांड़ बनारसी ने आगंतुकों का स्वागत किया। उपाध्यक्ष श्याम लाल यादव, रमेश दत्त पांडेय व संस्कृति मंत्री नंद कुमार टोपीवाले ने सभी को उल्टी सीधी टोपी पहनाकर अभिवादन किया।
[ad_2]
Source link