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पुलिस ने आरोपी चालक को भी गिरफ्तार कर लिया है। पुष्पा के ससुर की तहरीर पर लालगंज बस्ती निवासी चालक अखिलेश यादव के खिलाफ गैर इरादतन हत्या का केस दर्ज किया गया है। प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, बुधवार शाम करीब पौने सात बजे कृषि विश्वविद्यालय की क्लर्क पुष्पा सिंह (32) पत्नी स्व. रंजीत कुमार सिंह कैंपस से स्कूटी से मवई चौराहे की तरफ जा रही थीं। कबरई की तरफ से आए गिट्टी लदे डंपर ने उन्हें टक्कर मार दी थी। सड़क पर गिरी स्कूटी महिला समेत डंपर में फंस गई। इसके बाद चालक भागने के चक्कर में साढ़े तीन किलोमीटर तक उन्हें घसीटते हुए ले गया।
इसी बीच स्कूटी की टंकी फटने से आग लग गई। डंपर और स्कूटी के साथ पुष्पा भी जिंदा जल गईं। हैरानी की बात यह है कि प्रत्यक्षदर्शी चिल्लाते रहे लेकिन चालक ने डंपर नहीं रोका। डॉक्टरों ने बताया कि शव का डीएनए सैंपल लिया गया है।
अनुकंपा नौकरी से पहले डॉन बॉस्को में थीं शिक्षिका
मृतक महिला लिपिक पुष्पा सिंह का शव लेकर अंतिम संस्कार करने आए ससुर चंद्रेश्वर सिंह व देवर पंकज सिंह ने बताया कि वह लखनऊ स्थित गोमती नगर के विनीत खंड में आईजी जोन के पास रहते हैं। वह मूल निवासी जयप्रकाश नगर, बलिया के हैं। उनके चार पुत्र थे। इनमें तीसरे नंबर के पुत्र रणजीत सिंह बांदा कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्व विद्यालय में सहायक लेखाधिकारी पद पर तैनात थे।
रणजीत की वर्ष 2020 में कैंसर से मौत हो गई थी। उनकी जगह पर बहू पुष्पा सिंह को अनुकंपा में यहां नौकरी मिली थी। वर्ष 2021 से वह यहां तैनात थीं। यहां वह विश्वविद्यालय कैंपस में अकेले रहतीं थी। मृतका मूलरूप से शिवान, बिहार की रहने वाली थीं।
अनुकंपा नौकरी पाने से पहले वह लखनऊ के डॉन बॉस्को टेक्निकल इंस्टिट्यूट में शिक्षिका थीं। रणजीत के दो बच्चे रणवीर सिंह (8) और आशीष सिंह (तीन साल) उनके साथ रहते हैं। वह अपनी दादी कांति सिंह के पास लखनऊ में हैं। अन्य पुत्रों में सबसे बड़ा सुनील सिंह, उससे छोटा नवनीत सिंह और सबसे छोटा पंकज सिंह है।
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