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अखिल भारतीय कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा
– फोटो : अमर उजाला
विस्तार
हाथरस के बिटिया प्रकरण में एक आरोपी को आजीवन कारावास और तीन अन्य को बरी कर देने के फैसले पर कांग्रेस की महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा ने सरकार और सरकार के प्रतिनिधियों को सबालों के कठघरे में खड़ा कर दिया है। उन्होंने दो ट्विट कर पीड़िता के परिवार को न्याय नहीं मिलने की बात कही है।
हाथरस का पीड़ित परिवार कह रहा है कि उन्हें न्याय नहीं मिला
8 मार्च को विश्व महिला दिवस पर बीजेपी सरकार महिला सशक्तिकरण की खोखली बातें करेगी
लेकिन, क्या हाथरस केस में सरकार ने संवेदनशीलता दिखाई?
क्या सरकार के प्रतिनिधि पहले दिन से हाथरस की पीड़िता व उसके परिवार के साथ खड़े थे? pic.twitter.com/ACaiApbep9
— Priyanka Gandhi Vadra (@priyankagandhi) March 3, 2023
प्रियंका गांधी वाड्रा ने हाथरस के चंदपा क्षेत्र के बहुचर्चित बिटिया प्रकरण के फैसले के एक दिन बाद अपने ट्विवटर हैंडल से दो ट्विट किए हैं। पहले ट्विट में प्रियंका गांधी ने कहा कि हाथरस का पीड़ित परिवार कह रहा है कि उन्हें न्याय नहीं मिला। 8 मार्च को विश्व महिला दिवस पर बीजेपी सरकार महिला सशक्तिकरण की खोखली बातें करेगी। लेकिन, क्या हाथरस केस में सरकार ने संवेदनशीलता दिखाई? क्या सरकार के प्रतिनिधि पहले दिन से हाथरस की पीड़िता व उसके परिवार के साथ खड़े थे? दूसरे ट्विट में उन्होंने कहा कि क्या सरकारी प्रतिनिधियों द्वारा “बलात्कार नहीं हुआ है” जैसे बयान देकर न्याय की प्रक्रिया को प्रभावित नहीं किया गया?
क्या सरकारी प्रतिनिधियों द्वारा “बलात्कार नहीं हुआ है” जैसे बयान देकर न्याय की प्रक्रिया को प्रभावित नहीं किया गया?
— Priyanka Gandhi Vadra (@priyankagandhi) March 3, 2023
यह था मामला
हाथरस के चंदपा इलाके के एक गांव में 14 सितंबर 2020 को अनुसूचित जाति की एक युवती के साथ दरिंदगी हुई थी। गांव के ही चार युवकों ने दुष्कर्म किया था और उसकी गला दबाकर हत्या करने का प्रयास किया था। 29 सितंबर 2020 में युवती ने दिल्ली के सफदरजंग अस्पताल में दम तोड़ दिया था। पुलिस ने युवती के बयान के आधार पर चारों अभियुक्त संदीप, रवि, रामू व लवकुश को गिरफ्तार कर लिया था।
दो मार्च को आए फैसले में आरोपी संदीप को आजीवन कारावास और 40 हजार का अर्थदण्ड की सजा सुनाई गई। मामले में अन्य तीन आरोपी रवि, रामू व लवकुश को बरी कर दिया। मामले में विशेष न्यायालय एससी-एसटी ने न तो दुष्कर्म पाया और न ही हत्या।
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