[ad_1]

प्रचंड ठंढ़ में स्कूल जाती छात्राएं।
– फोटो : अमर उजाला डिजिटल
विस्तार
गजब की ठंड थी सुबह सात बजे। सड़क पर ठंडक है। कोई गरमाहट नहीं। बिहार सरकार के मौसम ऐप में पटना में सुबह का न्यूनतम तापमान नौ डिग्री का दिख रहा था। जबकि गया का 8.1 डिग्री। इधर, बस, स्कूली बसें आ-जा रहीं। कहीं सुबह नौ बजे तो कहीं सुबह साढ़े नौ बजे से स्कूल पहुंचना है नवीं-दसवीं के बच्चों को। इसके लिए स्कूल से दूर रहने वाले बच्चों को सात से साढ़े सात के बीच तैयार हो जाना पड़ता है। सो, यही वक्त ‘अमर उजाला’ रिपोर्टर ने चुना असल स्थिति समझने के लिए। क्या इन्हें ठंड नहीं लगती? पता चला, नवीं-दसवीं के बच्चों को अभिभावक स्टॉप तक पहुंचाने के लिए जागना नहीं चाहते। बच्चों ने तो मजबूरी बताई। प्राइवेट स्कूल के बच्चों ने कहा- “नहीं जाएंगे तो कुछ छूट जाएगा।” सरकारी स्कूल वाले सीधे बोले- “तीन दिन गायब रहने पर नाम ही कट जाएगा।”
[ad_2]
Source link