बिहार में शराब यह भी कराती है: किसी की पीने के नाम पर ऐसी पिटाई कि आप सिहर जाएं, झूमने वाले झूम रहे

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औरंगाबाद में हाजत के बाहर झूमता हुआ शराब बिकने की जानकारी देता नशेड़ी।

औरंगाबाद में हाजत के बाहर झूमता हुआ शराब बिकने की जानकारी देता नशेड़ी।
– फोटो : अमर उजाला

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बिहार में शराबबंदी का मजाक इतने वर्षों बाद भी बड़ी खेप की बरामदगी के रूप में सामने आता रहता है। लेकिन, यह खबर कुछ अलग है। इस एक खबर में हम तीन जिलों की रोचक घटनाएं सामने ला रहे हैं। एक तस्वीर दिखाएगी कि शराब के आरोप में पकड़े जाने पर कैसे पीटकर चमड़ी उधाड़ दी जा रही है। दूसरी एक तस्वीर थाने से, जहां शराब पीने के आरोप में पकड़ा गया शख्स हाजत के बाहर एलान कर रहा कि कहीं शराबबंदी नहीं, हर जगह दुकान है। तीसरी तस्वीर एक बुजुर्ग की है, जो सड़क पर झूमते-गाते शराब हर जगह मिलने का सच बता रहा है।

सीवान: चमड़ी उधेड़ी, आरोपी का आरोप- छोड़ने को 50 हजार नहीं दिए, इसलिए यह हाल
सीवान उत्पाद विभाग की पुलिस टीम ने शराब केस में पकड़े गए एक युवक की इतनी बेरहमी से पिटाई की है कि सदर अस्पताल में उसका इलाज करना पड़ रहा है। शरीर के पिछले हिस्से में घुटने से ऊपर तक के हिस्से की चमड़ी मार-मार कर उधेड़ दी गई है। दर्द से कराहते ज़फ़र ईमाम के अनुसार 22 दिसंबर की रात रेलवे लाइन के पास से उत्पाद विभाग के दारोगा सुनील यादव ने तीन लोगों को गिरफ्तार किया। मेरे पास न शराब थी और न मैंने शराब पी थी, इसलिए छोड़ने के लिए जब मुझसे 50 हज़ार रुपए मांगे तो मैंने मना कर दिया। इसके बाद हम पर झूठा केस दर्ज कर बेरहमी से पीटा गया। सुधीर प्रसाद और मो. सोनू जेल में है, मैं अस्पताल में। 10 हजार नकदी और मोबाइल रखने के बाद भी बिजली का करंट लगाकर भी मुझसे पैसे मांगे गए। उत्पाद अधीक्षक प्रियरंजन कुमार को केस की जानकारी नहीं। उन्होंने कहा कि पकड़े जाने पर कोई पैसा मांगने का आरोप लगा देता है। लेकिन, उनके पास इस बात का जवाब नहीं कि किसी को इस तरह कोई कैसे पीट सकता है? अमर उजाला के पास उपलब्ध यह तस्वीर इतनी वीभत्स है कि इसे प्रकाशित नहीं किया जा सकता है।

औरंगाबाद: पुलिस ने पकड़ा तो हाजत के बाहर बोला- सब झूठ बोलते हैं कि शराबबंदी है
दाउदनगर थाना में एक शराबी ने नशे में ही हंगामा किया। पुलिसकर्मियों की मौजूदगी में ही उसने शराबबंदी कानून की बखिया उधेड़ कर रख दी। उसने चिल्ला-चिल्ला कर कहा कि हर जगह शराब बिकती है। मैंने सौ रुपये की शराब पी है, जो हर जगह मिलती है। हाजत के बाहर ही उसने पुलिस से लेकर मुख्यमंत्री तक का नाम लेते हुए कहा कि शराब बंद कराने की बात सब झूठ बोलते हैं। टल्ली होने के बावजूद उसने पूर्ण शराबबंदी को कारगर बनाने का टिप्स भी बताया। उसे कहा कि जब तक सरकारी अधिकारी के साथ-साथ युवा नहीं चाहेगा, तब तक राज्य में शराब की बिक्री पर रोक नहीं लगेगी। ब्रेथ एनालाइजर से जांच के बाद शराब पीने की पुष्टि होने के बाद पुलिस ने उसे जेल भेज दिया। 
 
सारण: जहरीली शराब से मौतों वाले जिले में 20 रुपये में खरीदकर पीता दिखा
जहरीली शराब से दर्जनों मौतों के कारण पिछले कुछ समय से सुर्खियों में रहे सारण में छपरा कचहरी स्टेशन पर एक शख्स खुलेआम रोड पर बैठकर शराब पी रहा था। पांच रुपये का मिक्सचर वाला पैकेट भी था। टोका गया तो उसने शराब खुलेआम मिलने की बात कही। शराब बेचने वाले का नाम भी बताया और महज 20 रुपये में शराब खरीदकर लाने की बात भी बताई। झूमते हुए उसने शराब पर शायरी भी सुना दी।

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बिहार में शराबबंदी का मजाक इतने वर्षों बाद भी बड़ी खेप की बरामदगी के रूप में सामने आता रहता है। लेकिन, यह खबर कुछ अलग है। इस एक खबर में हम तीन जिलों की रोचक घटनाएं सामने ला रहे हैं। एक तस्वीर दिखाएगी कि शराब के आरोप में पकड़े जाने पर कैसे पीटकर चमड़ी उधाड़ दी जा रही है। दूसरी एक तस्वीर थाने से, जहां शराब पीने के आरोप में पकड़ा गया शख्स हाजत के बाहर एलान कर रहा कि कहीं शराबबंदी नहीं, हर जगह दुकान है। तीसरी तस्वीर एक बुजुर्ग की है, जो सड़क पर झूमते-गाते शराब हर जगह मिलने का सच बता रहा है।

सीवान: चमड़ी उधेड़ी, आरोपी का आरोप- छोड़ने को 50 हजार नहीं दिए, इसलिए यह हाल

सीवान उत्पाद विभाग की पुलिस टीम ने शराब केस में पकड़े गए एक युवक की इतनी बेरहमी से पिटाई की है कि सदर अस्पताल में उसका इलाज करना पड़ रहा है। शरीर के पिछले हिस्से में घुटने से ऊपर तक के हिस्से की चमड़ी मार-मार कर उधेड़ दी गई है। दर्द से कराहते ज़फ़र ईमाम के अनुसार 22 दिसंबर की रात रेलवे लाइन के पास से उत्पाद विभाग के दारोगा सुनील यादव ने तीन लोगों को गिरफ्तार किया। मेरे पास न शराब थी और न मैंने शराब पी थी, इसलिए छोड़ने के लिए जब मुझसे 50 हज़ार रुपए मांगे तो मैंने मना कर दिया। इसके बाद हम पर झूठा केस दर्ज कर बेरहमी से पीटा गया। सुधीर प्रसाद और मो. सोनू जेल में है, मैं अस्पताल में। 10 हजार नकदी और मोबाइल रखने के बाद भी बिजली का करंट लगाकर भी मुझसे पैसे मांगे गए। उत्पाद अधीक्षक प्रियरंजन कुमार को केस की जानकारी नहीं। उन्होंने कहा कि पकड़े जाने पर कोई पैसा मांगने का आरोप लगा देता है। लेकिन, उनके पास इस बात का जवाब नहीं कि किसी को इस तरह कोई कैसे पीट सकता है? अमर उजाला के पास उपलब्ध यह तस्वीर इतनी वीभत्स है कि इसे प्रकाशित नहीं किया जा सकता है।

औरंगाबाद: पुलिस ने पकड़ा तो हाजत के बाहर बोला- सब झूठ बोलते हैं कि शराबबंदी है

दाउदनगर थाना में एक शराबी ने नशे में ही हंगामा किया। पुलिसकर्मियों की मौजूदगी में ही उसने शराबबंदी कानून की बखिया उधेड़ कर रख दी। उसने चिल्ला-चिल्ला कर कहा कि हर जगह शराब बिकती है। मैंने सौ रुपये की शराब पी है, जो हर जगह मिलती है। हाजत के बाहर ही उसने पुलिस से लेकर मुख्यमंत्री तक का नाम लेते हुए कहा कि शराब बंद कराने की बात सब झूठ बोलते हैं। टल्ली होने के बावजूद उसने पूर्ण शराबबंदी को कारगर बनाने का टिप्स भी बताया। उसे कहा कि जब तक सरकारी अधिकारी के साथ-साथ युवा नहीं चाहेगा, तब तक राज्य में शराब की बिक्री पर रोक नहीं लगेगी। ब्रेथ एनालाइजर से जांच के बाद शराब पीने की पुष्टि होने के बाद पुलिस ने उसे जेल भेज दिया। 

 



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