[ad_1]

मृतक अधिवक्ता मो.याहया उमर और उनकी पत्नी अजीज फातमा
– फोटो : फाइल फोटो
विस्तार
अलीगढ़ के मेडिकल रोड दोदपुर इलाके में आठ वर्ष पहले हुए बुजुर्ग अधिवक्ता एमवाई उमर दंपती हत्या-लूटकांड में पांच दोषियों को उम्रकैद की सजा से दंडित किया गया है। इस बहुचर्चित कांड में यह फैसला 15 फरवरी को एडीजे-प्रथम संजीव कुमार सिंह प्रथम की अदालत ने सुनाया है। खास बात यह है कि नि:संतान अधिवक्ता दंपती ने जिस बच्ची का पालन पोषण कर उसका निकाह कराया था, उसी ने अपने भाई की मदद से साजिश रचकर हत्याकांड को अंजाम दिलाया था।
अभियोजन अधिवक्ता एडीजीसी जेपी राजपूत के अनुसार, घटना 24/25 मई 2016 की रात की है। वादी मुकदमा सिविल लाइंस मेडिकल रोड दोदपुर, सफीना अपार्टमेंट से पहले वाली गली निवासी मीर आरिफ अली ने 25 मई को मुकदमा दर्ज कराया था, जिसमें कहा गया कि उनके बगल वाले मकान नंबर 4/1460 में बुजुर्ग अधिवक्ता मो.याहया उमर (75) और उनकी पत्नी अजीज फातमा (70) रहते हैं। 25 मई की सुबह करीब 11 बजे अधिवक्ता के यहां काम करने आने वाली रिहाना ने हमारे घर पर दस्तक देकर बताया कि अधिवक्ता दंपती को घर में किसी ने मार दिया है और सामान बिखरा पड़ा है। सूचना पर इलाका पुलिस आ गई और जांच-पड़ताल के बाद लूट के दौरान गला दबाकर दंपती की हत्या होना पाया गया।
पुलिस ने 7/8 जून की रात मौलाना आजाद नगर में मुख्तार के घर से शाइस्ता उर्फ कल्लो, संतोष, किशोरी व नौमी को लूटे गए माल, घड़ियों आदि के साथ गिरफ्तार किया था। बाद में शाइस्ता के भाई मुख्तार को भी लूटी गई नकदी सहित गिरफ्तार किया। कुछ दिन बाद सराफ ललित को पकड़ा, मगर उसके पास से माल बरामद नहीं हो सका। इसके बाद पुलिस ने सभी के खिलाफ चार्जशीट दाखिल कर दी।
न्यायालय में सत्र परीक्षण के दौरान साक्ष्यों व गवाही के आधार पर ललित को दोषी नहीं पाया जा सका। कोई माल बरामद न होना, उसके बरी होने का आधार बना। बाकी सभी को दोषी करार दिया गया, जिसमें शाइस्ता को साजिश के आरोप में दोषी करार देकर उम्रकैद व 27 हजार रुपये जुर्माना, जबकि अन्य चारों को हत्या व लूट में उम्रकैद व 35-35 हजार रुपये जुर्माने की सजा सुनाई है। इस दौरान किशोरी जमानत पर था, जिसे अभिरक्षा में लिया गया। बाकी चारों जेल से तलब हुए थे। सजा के बाद सभी को जेल भेज दिया गया।
[ad_2]
Source link