बैठक में फैसला: वापस लिए जाएंगे एनपीएस संघ के 28 लोगों पर दर्ज किए केस

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न्यू पेंशन स्कीम कर्मचारियों के साथ बैठक करते मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू।

न्यू पेंशन स्कीम कर्मचारियों के साथ बैठक करते मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू।
– फोटो : अमर उजाला

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भाजपा सरकार के कार्यकाल में हिमाचल प्रदेश न्यू पेंशन संघ (एनपीएस) के 28 लोगों पर दर्ज किए केस वापस लिए जाएंगे। यह निर्णय मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू की अध्यक्षता में एनपीएस कर्मचारियों की बैठक में लिया गया है। कर्मचारियों ने इस विषय को उठाते हुए कहा कि पुरानी पेंशन योजना को लागू करने के लिए आंदोलनरत कर्मचारियों पर पिछली जयराम सरकार ने मामले दर्ज किए।

ये ओपीएस आंदोलन को कमजोर करने के लिए दर्ज किए गए, जिसके कि कर्मचारी हतोत्साहित हों। उन्होंने मुख्यमंत्री को बताया कि कांग्रेस सरकार के सत्ता में आने के लिए प्रदेश में ओपीएस की मांग कर रहे कर्मचारियों ने एक बड़ा जन आंदोलन खड़ा किया। ऐसे में इन पर दर्ज किए गए मामले वापस लिए जाएं। इस पर मुख्यमंत्री ने सभी 28 लोगों पर दर्ज मामलों को वापस लेने की प्रक्रिया शुरू करने के लिए अधिकारियों को निर्देश दिए। 

ओपीएस देने से सरकार की तिजोरी खाली नहीं होगी, बल्कि बचेगी

एनपीएस कर्मचारी संघ के अध्यक्ष प्रदीप ठाकुर ने कहा कि ओपीएस देने से सरकार की तिजोरी खाली नहीं होगी, बल्कि बचेगी। उन्होंने कहा कि जहां कर्मचारिया के 1600 करोड़ रुपये सालाना खर्च हो रहे हैं, वहीं ओपीएस पर सालाना 147 करोड़ रुपये का ही खर्च आएगा। संघ के नेताओं ने कहा कि ओल्ड पेंशन स्कीम का लाभ 15 मई 2003 से ही दिया जाना चाहिए जबसे नई पेंशन स्कीम लागू की गई है।



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