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मकर संक्रांति
हिंदू धर्म में मकर संक्रांति का विशेष महत्व है. मकर संक्रांति को अलग-अलग प्रदेशों में विभिन्न नामों से जाना जाता है. असम में इस दिन बिहू और दक्षिण भारत में इस दिन पोंगल का पर्व मनाया जाता है.

मकर संक्रांति तिथि
ज्योतिष के अनुसार सूर्य देव 15 जनवरी को सुबह 2 बजकर 45 मिनट पर मकर राशि में प्रवेश करेंगे, इसलिए मकर संक्रांति का त्योहार 15 जनवरी को ही मनाया जाएगा.

रवि योग में करें स्नान और सूर्य देव की पूजा
मकर संक्रांति पर इस साल 3 शुभ योग बन रहे हैं, जिसमें रवि योग सुबह 7 बजकर 15 से शुरू होकर सुबह 8 बजकर 7 मिनट पर समाप्त होगा, इस योग में स्नान करने का विशेष महत्व है.

भगवान सूर्य की अराधना
मकर संक्रांति के दिन जो व्यक्ति रवि योग में भगवान सूर्य की अराधना करेगा, उसे मान- सम्मान और प्रतिष्ठा की प्राप्ति होगी, इसके साथ ही उसे आरोग्यता की प्राप्ति होगी.

बन रहे महापुण्य और वरियान योग
मकर संक्रांति पर महापुण्य और वारियान योग का भी निर्माण हो रहा है. जिसमें महापुण्य योग में नदी में स्नान करने से सौभाग्य की प्राप्ति होती है. इसके साथ ही इस योग में अन्न, कम्बल, घी, वस्त्र, चावल, दाल, सब्जी, नमक और खिचड़ी का दान करना सर्वोत्तम माना जाता है.
वरियान योग
वरियान योग में कुबेर और शुक्र के मंत्रों का जप करना विशेष लाभप्रद रहता है. वहीं शुक्र मंत्र का जाप करने से जीवन में सुख-समृद्धि का वास रहता है, इसके साथ ही धन आगमन के मार्ग खुलते हैं.
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