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मक्के से बनेगी थैली
– फोटो : अमर उजाला
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प्लास्टिक से पर्यावरण को हो रहे नुकसान को देखते हुए मक्के से थैली बनाने की तैयारी है। इसे डीआरडीओ ने विकसित किया है। यह थैली ऐसी होगी जो तय समय के बाद मिट्टी में आसानी से मिल जाएगी। गुजरात के बाद वाराणसी में शत प्रतिशत कम्पोस्टेबल (अपशिष्ट हीन) थैली बनाने के लिए पहली इकाई खोलने की यश ग्रीन कंपनी ने इच्छा भी जाहिर की है।
कंपनी के मालिक अनुपम देवा ने इसके लिए ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट में निवेश की औपचारिकता भी पूरी कर दी है। उन्होंने मजबूत, किफायती और पर्यावरण के अनुकूल तैयार इस थैली की प्रदर्शनी भी लखनऊ में आयोजित ग्लोबल इन्वेेस्टर समिट में लगाई। अनुपम देवा बताते हैं कि यह थैली शत प्रतिशत कम्पोस्टेबल है। इसे मक्के, लैक्टो एसिड औैर आर्गेनिक मैटेरियल से तैयार किया जाएगा। इसे डीआरडीओ हैदराबाद ने विकसित किया है। इसे मिट्टी में डालकर ढक देने पर यह कुछ माह बाद मिट्टी में मिल जाएगा और वहां की मिट्टी पर भी असर नहीं पड़ेगा। अनुपम देवा के मुताबिक प्रशासन स्तर पर सहयोग मिला तो इसी तरह से वो बाटल, कप, प्लेट, थाली, ट्रे आदि भी तैयार करेंगे। इससे किसानों को भी लाभ होगा।
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