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मनीष सिसोदिया
– फोटो : फाइल फोटो
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उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने उपराज्यपाल से अपील की है कि केंद्र सरकार के विभिन्न आवासीय परियोजना सहित अन्य विकास कार्यों के लिए लोगों की आस्था से जुड़े मंदिरों, मजारों व गुरुद्वारे को नहीं तोड़ा जाए। इससे लाखों लोगों की आस्था को ठेस पहुंचेगी और राजधानी में कानून व्यवस्था की समस्या उत्पन्न हो जाएगी। इस बारे में दिल्ली पुलिस अपनी रिपोर्ट में चर्चा कर रही है।
उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने कहा कि 21वीं सदी में मॉडर्न आर्किटेक्चर-इंजीनियरिंग में सब कुछ संभव है। हम जब पेड़ों को लेकर इतने संवेदनशील है कि घर या कोई स्ट्रक्चर बनाते है तो उसके डिजाइन में बदलाव कर पेड़ को बचाने का काम करते है। इसी तरह लाखों लोगों की धार्मिक भावनाओं से जुड़े इन मंदिरों, मजारों व गुरुद्वारों को बचाने के लिए इन परियोजनाओं के डिजाइन में भी बदलाव किया जाए।
उन्होंने कहा कि उपराज्यपाल ने कुछ दिनों पहले प्रेस विज्ञप्ति के माध्यम से उन पर बहुत सारे मंदिरों, मजारों, गुरुद्वारों को तोड़ने की फाइलें लेकर बैठने का आरोप लगाया था। उन्होंने साझा किया कि उनके पास 19 फाइलें आई, जिनमें 67 मंदिर, छह मजार और एक गुरुद्वारा को तोड़ने के लिए चिह्नित किया गया है। इन धार्मिक स्थलों को तोड़ने के लिए चिह्नित किया गया है, उनमें केंद्र सरकार की आवास बनाने सहित कई फ्लाईओवर-रोड बनाने की योजना शामिल है।
सिसोदिया ने कहा कि उन्होंने एक-एक ढांचे के बारे में बारीकी से अध्ययन किया है और इसके प्रभाव का आकलन किया, क्योंकि ये सब जनता के धार्मिक भावनाओं से जुड़े है। साथ ही इनको लेकर पुलिस की रिपोर्ट पढ़ी। उनमें लिखा है कि इन मंदिरों, मजारों, गुरुद्वारों के साथ हजारों लोगों की आस्था जुड़ी हुई है। रोजाना यहां हजारों की संख्या में लोग आते हैं।
सिसोदिया पर बरसे एलजी कहा-बयान झूठे और भ्रामक
लोक निर्माण विभाग (पीडब्ल्यूडी)के सचिवों के स्थानांतरण के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया के बयान पर उपराज्यपाल बरसे। दो दिन पहले सिसोदिया की तरफ से जारी बयान को झूठा और भ्रामक बयान बताते हुए बुनियादी जानकारी के अभाव होने की बात भी कही गई है। एलजी दफ्तर के सूत्रों का कहना है कि सिसोदिया की विफलता से लोगों का ध्यान भटकाने के लिए ऐसे बयान दिए गए हैं। आम आदमी पार्टी के अधीन लोक निर्माण विभाग की सड़कें दयनीय हालत है तो कई परियोजनाएं अभी भी अधूरी हैं।
दो दिन पहले मीडिया को जारी बयान में सिसोदिया ने कहा था कि दिल्ली के एलजी हर छह महीने में पीडब्ल्यूडी सचिव को बदल रहे हैं। नौ महीने पहले ही एलजी ने कार्यभार संभाला है और ऐसे बयान से लगता है कि जमीनी स्तर पर जानकारी का अभाव है। एलजी दफ्तर के सूत्रों ने सांविधानिक प्रावधानों और सुप्रीम कोर्ट के निर्णयों का हवाला देते हुए कहा कि सिसोदिया ने एक बार फिर ऐसा बयान दिया है जो मुख्यमंत्री और आप आदमी पार्टी के मंत्रियों की पहचान बन चुकी है। एलजी के लिए झूठे और काल्पनिक बयान देकर न्यायालय के आदेशों और सांविधानिक प्रावधानों की भी अनदेखी की गई है। सुप्रीम कोर्ट में सेवाओं में चल रहे मामले को प्रभावित करने के उद्देश्य से यह बयान दिया गया है।
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