महामूर्ख सम्मेलन: खाट पर बैठाकर मटकी की भेंट, आलुओं की पहनाई माला, ड्रम पर बैठकर हुआ संचालन

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Mahamurkh Sammelan Offering pot by sitting on  cot garland made of potatoes

हाथरस में महामूर्ख सम्मेलन का आयोजन
– फोटो : अमर उजाला

विस्तार

हास्य व्यंग्य के आका कवि काका की नगरी में एक अप्रैल को लक्ष्मीनगर स्थित आरएच कांवेंट स्कूल में मूर्ख दिवस पर महामूर्ख सम्मेलन हुआ। इसमें अतिथियों से लेकर श्रोताओं ने अपनी हरकतों से सभी को जमकर  हंसाया। अतिथियों का अजीबोगरीब तरीके से स्वागत किया गया। 

महामूर्ख सम्मेलन में आए अतिथियों को महामूर्ख की उपाधि दी गई। उन्हें खाट पर बैठाकर उन्हें प्रतीक चिन्ह के रुप में मटकी, सुराही और हुक्का भेंट किया गया। सम्मान में उन्हें आलुओं की माला पहनाई गई। खुद संचालक ने ड्रम पर बैठकर सम्मेलन का संचालन किया। इस मौके पर आए कवियों ने हास्य से ओतप्रोत रचनाएं पढ़ी और सभी को जमकर हंसाया। 

शहर के लक्ष्मीनगर स्थित आरएस कांवेंट स्कूल में शनिवार को  ब्रज कला केंद्र और राष्ट्रीय कवि संगम के तत्वावधान में महामूर्ख सम्मेलन हुआ। इसमें मुख्य अतिथि  ब्रज कला केंद्र के राष्ट्रीय समन्वयक विष्णु प्रकाश गोयल, कोषाध्यक्ष विश्ननाथ अग्रवाल, संरक्षक डॉ.एनके गोयल थे। इन अतिथियो का महामूर्ख की पट्टिका पहनाकर स्वागत किया गया। साथ ही कार्यक्रम में मौजूद अन्य लोगों को भी महामूर्ख की पट्टिका पहनाई गई। 

यह हुआ काव्य पाठ

  • कवि रामजीलाल शिक्षक ने गधे की वंदना से की। उन्होंने यह रचना पढ़ी- आरती शेरू की की जै…मेरो दुख औरन कूं दीजे। 
  • कवयित्री मनु दीक्षित ने यह व्यंग्य किया- एक तो मंहगाई की मार, ऊपर तै नेतन को वार। एक दूजै को मूरख बना रहा संसार।
  • कवि जसवीर सिंह ने इस मौके पर यह रचना प्रस्तुत की-बतलाऊं तोय सख कैसो हूं किसान मैं, मो जैसो मूरख नहीं इस हिंदुस्तान में।
  • प्रभुदयाल दीक्षित ने यह रचना प्रस्तुत कर सभी को हंसाया-मूरख हैं जो टैक्स का करते हैं भुगतान, टैक्स नहीं देते वही चलते  सीना तान। 
  • योग गुरु रूपराम शर्मा ने ठहाके लगवा- गधों को सिखाऊं कैसे योग, मूर्खों को होता नहीं कोई रोग। 

इसके अलावा मीरा दीक्षित, गोपाल चतुर्वेदी, सोनाली वार्ष्णेय, पंडित हाथरसी, चांद हुसैन, विजय सिंह प्रेमी, निशा गुप्ता ने भी काव्यपाठ किया। संचालन अनिल बौहरे ने किया और उन्होंने एक अप्रैल को मूर्ख दिवस के रूप में क्यों मनाया जाता है, इस बारे में भी बताया। अंत में ब्रज कला केंद्र के जिलाध्यक्ष चंद्रगुप्त विक्रमादित्य ने सभी का आभार जताया। इस मौके पर डॉ.जितेंद्र स्वरूप फौजी, विद्यासागर विकल, डॉ.जितेंद्र शर्मा, श्यामबाबू चिंतन, एसपी उपाध्याय, माला शर्मा, रामगोपाल दीक्षित, अजय रावत, नवीन शर्मा, रविकांत, बीना गुप्ता, बालकिशन शर्मा आदि मुख्य रूप से मौजूद थे।

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