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पदमा उर्फ वर्षा गोद में बेटी आराध्या
– फोटो : अमर उजाला।
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देवरिया में बीएससी की टॉपर छात्रा रही पदमा उर्फ वर्षा ने आत्महत्या करने से पहले बड़ा ही मार्मिक स्टेटस मोबाइल पर लगाया था। परिजनों को क्या पता था कि यह उसका आखिरी स्टेटस होगा। घरवाले स्टेटस देखकर भी किसी बड़ी अनहोनी को नहीं समझ पाए। उसने लिखा था कि इंसान की कीमत मरने के बाद पता चलती है, जो घटना के बाद सच साबित हुई। उसने बेटी को राप्ती नदी में फेंक कर छलांग लगा दी। इस घटना के बाद ससुराल और मायके पक्ष के लोग काफी मर्माहत हैं। हर किसी के जुबान से यही सुनने को मिल रहा था कि पदमा ने तो अपनी खुद की बगिया उजाड़ दी।
बरहज थाना क्षेत्र के बढ़या फुलवरिया निवासी सत्यप्रकाश की पत्नी पदमा उर्फ वर्षा और उसकी बेटी आराध्या का शव बृहस्पतिवार को घर पहुंचा। मौके पर मायके कपरवार निवासी पिता जनार्दन मिश्रा और भाई पहुंचे थे। बहन और भांजे का शव देख भाई फूट-फूट कर रो पड़ा। पिता बेटी को याद कर रो पड़े। पति सत्यप्रकाश को आने-जाने वाले सभी लोग सांत्वना दे रहे थे। दोनों परिजन एक-दूसरे को ढांढस भी बधाए। मायके पक्ष के लोगों को समझ में नहीं आ रहा था कि पढ़ाई में इतनी मेधावी होने के बाद भी वह ऐसा कदम उठा लेगी।
धन्य हैं भाग्य हमारे गीत पर पूर्व मंत्री ने किया था पुरस्कृत
मायके पक्ष के अनुसार उसने इंसान के मर जाने पर उसकी कीमत का चलता है पता का स्टेटस लगाया था। परिजन यह भी बता रहे हैं कि आत्महत्या से पूर्व उसने मैसेज भी किया था। बुआ जामवंती त्रिपाठी का कहना है कि ससुरालियों के प्रताड़ना के कारण पदमा का दिमाग विचलित हो गया था। वह पढ़ाई में बीएससी टॉपर थी। मुजौना में आयोजित एक सांस्कृतिक कार्यक्रम में उसने धन्य-धन्य हैं भाग्य हमारे…गीत प्रस्तुत किया था। इस पर तत्कालीन मंत्री हरिशंकर तिवारी ने उसे पुरस्कृत किया था।
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