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Mauni Amavasya 2024: सनातन धर्म के अति पवित्र माघ मास के अमावस्या तिथि यानी मौनी अमावस्या आज नौ फरवरी दिन शुकवार को श्रवण नक्षत्र एवं व्यतिपात योग के पुण्यपदायक संयोग मे मन रही है. मान्यता है कि आज के दिन समस्त देवी-देवता पवित संगम मे निवास करते है, इसलिए इस दिन गंगा का जल अमृत से समान हो जाता है. मौनी अमावस्या पर सर्वार्थ सिद्ध योग, चतुर्ग्रही योग तथा श्रवण नक्षत्र के साथ व्यतिपात योग होने से इस दिन पुण्यपदायक संयोग बन रहा है. इस योग मे पितरों का तर्पण, पिंडदान, श्राद्ध करने से पितृ दोष से मुक्ति तथा पितृ तृप्त होकर वंश वृद्ध का आशीष देते है.
दान का पुण्यफल
मौनी अमावस्या के दिन दान करने का विशेष लाभ मिलता है, इस दिन तिल, तिल के लड्डू, तिल का तेल, आंवला, कम्बल व वस्त्र के दान का विशेष महत्व है. धार्मिक मान्यता है कि मौनी अमावस्या तिथि में स्नान कर चावल दान करने पर आरोग्यता, धन मे बढ़ोतरी होती है. वहीं चूड़ा दान करने पर दरिद्रता का नाश होता है. तिल, गुड़, तेल, दर्पण का दान करने पर पितृ दोष से मुक्ति मिलती है. वहीं नारियल प्रवाह करने पर मनोवांक्षित कामना पूर्ति होती है. फल, वस्त का दान करने पर विशिष्ट पुण्य की प्राप्ति होती है.
अमावस्या के दिन क्या दान करना चाहिए?
मौनी अमावस्या के दिन चंद्रमा दिखाई नहीं देता है, इस दिन जो लोग बहुत ज्यादा इमोशनल होते हैं उन पर इस बात का सबसे ज्यादा असर होता है. अमावस्या के दिन, अपने पूर्वजों को प्रसन्न करने के लिए जरूरतमंदों को अनाज, धन और कपड़े दान करना चाहिए. इसके साथ ही मौनी अमावस्या का व्रत रखकर तिल, तिल के लड्डू, तिल का तेल, आंवला, कम्बल व वस्त्र के दान का विशेष महत्व है. आज मौनी अमावस्या पर अनाज, वस्त्र, तिल, आंवला, कंबल, पलंग, घी और गौ शाला में गाय के लिए भोजन का दान करना चाहिए.
आज इन बातों का रखें ध्यान
मौनी अमावस्या के दिन किसी से भी लड़ाई-झगड़ा नहीं करना चाहिए, इस दिन किसी को भूलकर भी कोई ऐसी बात न बोलें, जिससे सामने वाले को बुरा लगे. अमावस्या के दिन श्मसान घाट या फिर कब्रिस्तान के आसपास भूलकर भी नहीं जाना चाहिए. अमावस्या के दिन रात में इधर-उधर न निकलें, क्योंकि उस रात में बुरी आत्माओं का वास होता है.
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