यहां किन्नर रखते हैं छठ का व्रत: संतान नहीं यजमान के सुख-समृद्धि की करते हैं कामना, अद्भुत है ये कहानी

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Here eunuchs observe Chhath fast: They wish for the happiness and prosperity of the host, not children

यहां किन्नर रखते हैं छठ का व्रत
– फोटो : अमर उजाला

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छठ का व्रत यूं तो हर कोई अपने परिवार की समृद्धि और खुशी के लिए रहता है। लेकिन सेवराई क्षेत्र में एक किन्नर भी इस व्रत को पूरे रीति रिवाज और परंपरा के साथ पिछले कई वर्षों से रखता आ रहा हैं। यहां की किन्नर नहाय खाय के साथ छठ व्रत करते हैं।

आस्था के महापर्व छठ पूजा की तैयारी के लेकर जहां आम जनमानस में उल्लास बना हुआ है। वहीं तहसील क्षेत्र में निवास कर रही किन्नरों के द्वारा भी बीते एक दशक से छठ पूजा किया जाता है।

किन्नर बड़े ही धूमधाम से पूरे विधि विधान पूर्वक कठिन निर्जला व्रत रखते हुए क्षेत्र के लोगों के शांति सुख समृद्धि एवं निरोग रहने की मनोकामनाओं के साथ आस्था चलगामी व उदयागामी सूर्य को अर्घ देकर प्रार्थना करते हैं। किन्नर गुरु हिना ने अपने जजमान (क्षेत्रवासियों) के कुशल मंगल एवं उनके सुख समृद्धि के लिए कठिन छठ व्रत शुरू किया गया था। कुछ वर्षों बाद किन्नर गुरु हिना की तबीयत खराब होने के बाद उनके शिष्य सोनी किन्नर ने छठ व्रत करना शुरू किया। करीब 10 वर्षों से लगातार किन्नर समुदाय के द्वारा छठ व्रत किया जा रहा है। किन्नर रोशनी ने बताया कि क्षेत्र के लोगों के सुख शांति समृद्धि एवं निरोगी काया की कामना लिए हम अपने यजमानों के मनोकामनाओं की पूर्ति के लिए गुरु हिना किन्नर के निर्देश पर छठ व्रत करते हैं। छठ करने के लिए हम यजमानों से ही चंदा इकट्ठा करते हैं और आम महिलाओं की ही तरह कठिन निर्जला व्रत रखकर छठ पूजा की जाती हैं। सोनी किन्नर ने बताया कि वह यजमानों और उनके बच्चों की सलामती, खुशहाली के लिए कठिन व्रत परंपरा को निभा रही हैं।

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