यूक्रेन के सबसे बड़े परमाणु संयंत्र का आखिरी रिएक्टर बंद, बांध टूटने के बाद स्थिति और खराब हुई

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कखोवका बांध के टूटने के बाद यूक्रेन में स्थिति बेहद खराब हो गयी है. बांध टूटने के बाद उसका पानी नीपर नदी में बहने से तट पर स्थित दर्जनों शहर, कस्बे और गांव जलमग्न हो गए हैं. 6000 से अधिक लोगों को पलायन होने पर मजबूर होना पड़ रहा है. इस बीच यूक्रेन के सबसे बड़े परमाणु संयंत्र के आखिरी रिएक्टर को बंद कर दिया गया.

क्यों बंद कर दिया गया यूक्रेन का आखिरी रिएक्टर

यूक्रेन की परमाणु ऊर्जा एजेंसी ने बताया, यूरोप के सबसे बड़े परमाणु ऊर्जा संयंत्र में अंतिम ऑपरेटिंग रिएक्टर को कोल्ड शटडाउन में डाल दिया है – पास के बांध के ढहने से आई विनाशकारी बाढ़ के बीच एक सुरक्षा एहतियात के रूप में किया गया. Zaporizhzhia परमाणु ऊर्जा संयंत्र में छह में से पांच रिएक्टर, जिस पर रूसी सेना का कब्जा है, पहले से ही ठंडे शटडाउन की स्थिति में हैं.

बांध टूटने के बाद यूक्रेन की स्थिति बेहद गंभीर: संरा अधिकारी

संयुक्त राष्ट्र के एक शीर्ष अधिकारी ने शुक्रवार को आगाह किया कि कखोवका बांध के टूटने के बाद यूक्रेन में मानवीय स्थिति पहले की तुलना में बेहद गंभीर हो गई है. अवर महासचिव मार्टिन ग्रिफिथ्स ने कहा कि करीब 7,00,000 लोगों को पीने के पानी की जरूरत है. उन्होंने चेतावनी दी कि विश्व के बेहद महत्वपूर्ण अनाज उत्पादक देश यूक्रेन में बाढ़ से अनाज निर्यात में कमी आएगी, दुनियाभर में खाद्यान्न की कीमतें बढ़ेंगी और लाखों जरूरतमंदों को भोजन नहीं मिलेगा.

कखोवका पनबिजली बांध पर रूस का कब्जा

कखोवका पनबिजली बांध के टूटने और उसका पानी नीपर नदी में बहने के कारण पिछले एक साल से लगातार मिसाइल और ड्रोन हमलों का सामना कर रहे इस देश की मुसीबतें और बढ़ गईं. रूस ने दक्षिणी यूक्रेन में ताजा पानी की आपूर्ति और सिंचाई के लिए बेहद अहम माने जाने वाले इस बांध पर पिछले साल सितंबर में कब्जा कर लिया था.

बाढ़ से अबतक 20 लोगों की मौत

यूक्रेन और मॉस्को के अधिकारियों के मुताबिक, बाढ़ में करीब 20 लोगों की मौत हुई है. ग्रिफिथ्स ने बताया कि संयुक्त राष्ट्र ने यूक्रेन के नियंत्रण वाले बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में 30,000 से अधिक लोगों को मानवीय सहायता पहुंचाई है. उन्होंने हालांकि कहा कि रूस ने संयुक्त राष्ट्र को अपने नियंत्रण वाले क्षेत्रों में बाढ़ पीड़ितों की मदद की अनुमति नहीं दी है.

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