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प्रयागराज में छात्रों की पिटाई के बाद भड़की आक्रोश की आग में इलाहाबाद विश्वविद्यालय परिसर तीन घंटे तक सुलगता रहा। पुलिस को धकेलती हुई बढ़ी उग्र छात्रों की भीड़ ने अलग-अलग भवनों के साथ ही अफसरों के कार्यालयों पर भी ईंट-पत्थर बरसाए। दरवाजों-खिड़कियों के कांच, गमलों के साथ ही फर्नीचर भी तोड़ दिए। इसके बाद आगजनी शुरू कर दी। यूनियन हॉल पर 3.30 बजे के करीब छात्रनेता विवेकानंद पाठक से नोकझोंक शुरू हुई। आरोप है कि पांच से 10 मिनट के बाद ही डंडों-लोहे की रॉड व असलहों से लैस गार्डों ने छात्रों पर हमला बोल दिया। इससे चीख-पुकार मच गई। यह सुनकर यूनियन हॉल गेट के बाहर खड़े छात्र भीतर की ओर दौड़े। इसी दौरान सूचना मिलने पर वहां कुछ ही देर में बड़ी संख्या में छात्र जुट गए और फिर उन्होंने गार्डों को खदेड़ दिया।
साथ ही सूचना देकर साथियों को बुला लिया। इससे कुछ ही देर में वहां बड़ी संख्या में छात्र जमा हो गए। तब तक कर्नलगंज पुलिस मौके पर पहुंच चुकी थी। इसी दौरान आक्रोशित छात्रों ने डेलीगेसी के सामने खड़ी कार में तोड़फोड़ शुरू कर दी।
सूचना मिली तो डीसीपी नगर संतोष कुमार मीना शहर के कई थानों की फोर्स लेकर पहुंचे और छात्रों को समझाने की कोशिश की। लेकिन कोई फायदा नहीं हुआ और छात्रों ने नारेबाजी शुरू कर दी और यूनियन भवन के पास पहुंचकर आगे बढ़ने की कोशिश करने लगे।
पुलिस से धक्कामुक्की, ललकारते हुए बढ़े आगे
तब तक एडिशनल पुलिस कमिश्नर आकाश कुलहरि भी पहुंच चुके थे। उन्होंने छात्रों से बातचीत शुरू की और इसी दौरान कुछ छात्र साथियों को ललकारते हुए आगे बढ़ने लगे।
तब तक एडिशनल पुलिस कमिश्नर आकाश कुलहरि भी पहुंच चुके थे। उन्होंने छात्रों से बातचीत शुरू की और इसी दौरान कुछ छात्र साथियों को ललकारते हुए आगे बढ़ने लगे।
रोकने की कोशिश पर पुलिसकर्मियों से उनकी धक्कामुक्की भी हुई। लेकिन छात्रों की भीड़ के आगे पुलिस बेबस दिखी और जवानों को धकेलते हुए छात्र ईंट-पत्थर बरसाते हुए आगे बढ़ने लगे।
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