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सफाई कर्मचारी
– फोटो : अमर उजाला
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सरकार और शासन के तमाम प्रयासों के बावजूद निकायों के स्तर पर सफाई व्यवस्था को लेकर बरती जा रही उदासीनता पर शासन ने सख्ती करने का फैसला किया है। इसके लिए सफाई व्यवस्था को बेहतर करने के लिए पुरानी व्यवस्था में बदलाव किया जा रहा है। नई व्यवस्था में मोहल्लों में आबादी के आधार पर सफाई कर्मचारियों की नियुक्ति की जाएगी। साथ ही वार्डवार मैपिंग भी कराई जाएगी। । इसके आधार पर जरूरत के आधार पर सफाई कर्मियों की नियुक्ति की जाएगी। यानि जिस वार्ड में अधिक कर्मचारी होंगे, उन्हें हटाकर जरूरत के मुताबिक दूसरे वार्डों में तैनात किया जाएगा। इससे कार्यदायी संस्था के माध्यम से कर्मियों को रखने वाले खेल पर भी अंकुश लगाने में मदद मिलेगी
शहरी क्षेत्रों में सफाई कर्मियों की समस्या काफी बड़ी है। कुछ क्षेत्रों में कई-कई कर्मचारी लगे हैं और कहीं पर तो न के बराबर हैं। इसी तरह नगर निगमों में हर साल सफाई उपकरण खरीदे जाते हैं, इसके बाद भी जरूरत पर ये उपलब्ध नहीं हो पाते हैं। प्रमुख सचिव नगर विकास अमृत अभिजात ने पिछले दिनों शहरों में सफाई व्यवस्था को लेकर उच्चाधिकारियों की बैठक की थी।
इसमें विचार-विमर्श के दौरान यह सहमति बनी है कि शहरों में नगर निगम वार सफाई उपकरणों की गिनती कराई जाएगी। इसके साथ ही यह भी रिपोर्ट ले ली जाए कि किस शहर में कितने सफाई कर्मचारी स्थाई, संविदा और कार्यदायी संस्था के माध्यम से लगाए गए हैं और इनके वेतन व मानदेय पर कितना खर्च हो रहा है।
शहरों की मैपिंग कराने के बाद यह पता चल जाएगा कि किस मुहल्ले में कितने मकान बने हुए हैं। इनमें कितने सफाई कर्मचारियों की जरूरत होगी। इसके आधार पर कर्मियों की तैनाती कराई जाएगी। इसके अलावा कार्यदायी संस्था के माध्यम से कर्मियों को रखने वाले खेल पर भी काफी हद तक रोक लगेगी। जरूरत के आधार पर ही कार्यदायी संस्था के माध्यम से कर्मियों को रखा जाएगा।
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