यूपी कैबिनेट का फैसला: महाकुंभ मेला कार्य पर पैसे खर्च करने के लिए अनुमति की जरूरत नहीं

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Many decisions approved by cabinet by circulation in Uttar Pradesh.

प्रतीकात्मक तस्वीर
– फोटो : जय सिंह रावत

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प्रयागराज में अगले साल होने वाले महाकुंभ मेले के लिए प्रस्तावित कार्यों के लिए बजट आवंटित करने के लिए वित्त विभाग से अनुमति लेने की बाध्यता को खत्म कर दिया गया है। संबंधित प्रस्ताव को कैबिनेट बाई सर्कुलेशन मंजूरी दे दी गई है।

बता दें कि सरकार ने महाकुंभ की तैयारी के लिए 2,500 करोड़ रुपये का बजट मंजूर किया है। महाकुंभ मेला के लिए नगर विकास विभाग को नोडल नामित किया गया है। इसलिए सभी संबंधित विभागों से कार्य कराने के लिए बजट के आवंटन की जिम्मेदारी भी नगर विकास विभाग के पास ही है। मौजूदा व्यवस्था में बजट आवंटन से पहले नगर विकास विभाग को वित्त विभाग से अनुमति लेने की बाध्यता है।

इतना ही नहीं महाकुंभ मेले में होने वाले कामों की अनुमति देने के लिए मुख्य सचिव की अध्यक्षता में 27 सदस्यीय उच्च स्तरीय समिति का गठन भी किया गया है। इस वजह से बजट जारी करने में विलंब हो रहा था। इससे महाकुंभ की तैयारी प्रभावित हो रही थी। इसके मद्देनजर ही सरकार ने बजट जारी करने के लिए अनुमति लेने की बाध्यता को समाप्त कर दिया है। इसके अलावा योगी सरकार ने कई अन्य प्रस्तावों को भी कैबिनेट बाई सर्कुलेशन मंजूरी दी।

पीपीपी मॉडल पर चलेंगी नई आईटीआई और पॉलीटेक्निक

प्रदेश में बन रही आईटीआई व पॉलीटेक्निक संस्थानें अब पब्लिक प्राइवेट पार्टनरशिप (पीपीपी) मॉडल पर चलेंगी। संबंधित प्रस्ताव को कैबिनेट बाई सर्कुलेशन मंगलवार को सहमति दे दी गई। प्राविधिक शिक्षा विभाग 50 से अधिक आईटीआई व पॉलीटेक्निक संस्थानों को पीपीपी मॉडल पर चलाने की तैयारी कर रहा है। वहीं, विभाग ने लोकसभा चुनाव के मद्देनजर इन संस्थानों के संचालन के लिए मांगे गए आवेदन का समय 28 दिन से कम करके 21 दिन कर दिया गया है। ताकि चुना आचार संहिता लगने से पहले संचालन के लिए जरूरी औपचारिकताएं पूरी कर ली जाए। 

15.83 करोड़ की अतिरिक्त स्वीकृति

प्रदेश में एनटीपीसी सहित अन्य उपक्रमों से खरीदी बिजली के बिल का भुगतान करने के लिए 15.83 करोड़ रुपये की अतिरिक्त स्वीकृित दी गई है। बता दें, केंद्र सरकार ने आयातित कोयला खरीदने का निर्देश दिया गया था लेकिन पावर कॉर्पोरेशन ने यह कोयला नहीं खरीदा। इस बीच विभिन्न उपक्रमों से महंगे दर पर बिजली ली गई। ऐसे में आयातित कोयले के लिए आहरित 1,098 करोड़ की धनराशि का समायोजन राज्य सरकार की देय सब्सिडी से किया गया है। साथ ही 15.83 करोड़ रुपये की अतिरिक्त धनराशि की पावर कारपोरेशन को उपलब्ध कराई गई है।

वरिष्ठता के आधार पर मिलेगी जिम्मेदारी

राज्य विद्युत नियामक आयोग के अध्यक्ष व सदस्यों की नियुक्ति और सेवा की शर्तें (द्वितीय संशोधन) नियमावली 2024 में बदलाव को मंजूरी दे दी गई है। इसके तहत अब अध्यक्ष की अनुपस्थिति में वरिष्ठ सदस्य यह जिम्मेदारी निभाएगे। इसी तरह एक सदस्य के अनुपस्थिति में वरिष्ठता के क्रम में दूसरे सदस्यों को जिम्मेदारी सौंपी जाएगी।

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