रजिस्ट्री फर्जीवाड़ा मामला: सालों से पुराने स्टांप इकट्ठा करने में जुटा था माफिया केपी सिंह, ऐसे बना मालामाल

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Dehradun Registry fraud case Mafia KP Singh was collecting old stamps for years

पुलिस रिमांड में आरोपी
– फोटो : प्रतीकात्मक तस्वीर

विस्तार


सहारनपुर का भू-माफिया इस फर्जीवाड़े के लिए लंबे समय से पुराने स्टांप इकट्ठा कर रहा था। उसने इन स्टांपों को देहरादून और सहारनपुर के स्टांप वेंडरों से खरीदा था। इसके लिए उसने एक स्टांप के लाखों रुपये तक अदा किए हैं। जबकि, इनका इस्तेमाल कर वह करोड़ों कमाकर मालामाल हो गया। केपी सिंह से पुलिस चार दिन की कस्टडी रिमांड में पूछताछ कर रही है। उसकी रिमांड का बुधवार को दूसरा दिन था।

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दरअसल, रजिस्ट्री में फर्जीवाड़ा करने के लिए 30 से 50 वर्ष पुराने स्टांप पेपर का इस्तेमाल हुआ है। ताकि, इन्हें उसी वक्त के बैनामे के तौर पर दर्शाया जा सके। इन्हीं के आधार पर पुराने मूल बैनामों की प्रतियां जलाकर नष्ट कर दी गईं और इन स्टांप को लगाकर नए दस्तावेज बना लिए गए। इतनी बड़ी संख्या में 1970 से 1990 के बीच प्रचलन में रहे ये स्टांप कहां से खरीदे थे इसकी जानकारी केपी सिंह ही दे सकता था। ऐसे में पुलिस ने उसकी कस्टडी रिमांड की मांग थी।

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