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गौरव अपनी मां बबिता के साथ।
– फोटो : अमर उजाला।
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किसान परिवार से ताल्लुक रखता हूं। वर्ष-2007 में पिता का निधन हो गया था, दोनों बड़े भाई भी अभी छोटे थे। मां गृहिणी थी, घर चलाने की जिम्मेदारी अचानक उनपर आ गई। मुफलिसी के दौर में मेरी फिटनेस बनी रहे, इसलिए भाइयों के हिस्से का दूध और खुराक भी मुझे मेरी मां देती थी। आज उसी खुराक ने मुझे केवल ताकत ही नहीं दी दम भी भरा।
मूलरूप से मुजफ्फरनगर में मां बबिता देवी के साथ रहने वाले पूर्वोत्तर रेलवे के स्टॉर पहलवान गौरव बालियान ने विशेष बातचीत में बताया कि महज सात साल की उम्र में पहलवानी शुरू की। मेरे चाचा पहलवान रहे हैं। उन्हें देखकर घर के पास के अखाड़ा से प्रैक्टिस शुरू की। दो बार सीनियर नेशनल कुश्ती का विजेता रहा।
कहा, वर्ष 2021 में पूर्वोत्तर रेलवे के मुख्य वाणिज्य प्रबंधक कार्यालय में टीसी के पद पर तैनाती हुई। तब से लेकर अब तक विभिन्न अंतरराष्ट्रीय स्तर की प्रतियोगिताओं में पदक हासिल किया हूं। मेरा सपना देश को ओलंपिक गेम्स में कुश्ती में स्वर्ण पदक दिलाने का है।
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