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डीजल चोरी की सांकेतिक तस्वीर।
– फोटो : अमर उजाला
विस्तार
रोडवेज बसों में डीजल चोरी के मामले थमते नहीं दिख रहे हैं। बसों में डीजल सप्लाई में भ्रष्टाचार थम नहीं रहा है। ताजा मामला अवध बस डिपो का है। यहां 2879 लीटर डीजल हेराफेरी सामने आई है, जिसे सुनियोजित ढंग से जनवरी से मई के बीच पांच महीनों में किया गया है। प्रकरण में पांच कर्मचारियों पर शक है, जो कार्रवाई के दायरे में आ रहे हैं।
हाल ही में कैसरबाग बस डिपो में आठ हजार लीटर डीजल सप्लाई में हेराफेरी का मामला उजागर हुआ था, जिसमें कई कर्मचारियों पर गाज गिरी थी। यह मामला अभी ठंडा भी नहीं हो पाया था कि अवध बस डिपो में 2879 लीटर डीजल की गड़बड़ी पाई गई है। इस मामले में डिपो के सहायक क्षेत्रीय प्रबंधक सहित पांच कर्मचारी रोडवेज के आला अफसरों के रडार पर हैं।
क्षेत्रीय प्रबंधक मनोज कुमार पुंडीर की ओर से इन सभी कर्मियों को कारण बताओ नोटिस जारी किया है। दरअसल, अवध बस डिपो से अनुबंधित बस को डीजल दिया जाता है। जिसके लिए यहां पर शिफ्ट के आधार पर ड्यूटी लगती है। इसी वर्ष जनवरी से मई के बीच अनुबंधित बसों को जो डीजल सप्लाई हुई थी, उसके निर्धारित प्रारूप में जो एंट्री हुई, उसकी जांच में गड़बड़ी पाई गई, जिसके बाद चोरी का खुलासा हुआ। रोडवेज अफसरों का कहना है कि मामला अनुबंधित पटल सहायक और अन्य कर्मियों की सांठगांठ के चलते अंजाम दिया गया।
इतना कम पाया गया डीजल
जनवरी से मई के बीच पांच महीने में 2879 लीटर डीजल कम पाया गया। इसमें जनवरी में 380 लीटर, फरवरी में 605 लीटर, मार्च में 857 लीटर, अप्रैल में 637 लीटर और मई में 400 लीटर डीजल हेराफेरी उजागर हुई।
इन कर्मचारियों को भेजा नोटिस
क्षेत्रीय प्रबंधक मनोज कुमार पुंडीर ने अवध डिपो के सहायक क्षेत्रीय प्रबंधक सत्य नारायण चौधरी, केंद्र प्रभारी मधु श्रीवास्तव, केंद्र प्रभारी स्वाती बाजपेयी, बुकिंग लिपिक हारिफ हुसैन और लेखाकार जितेंद्र कुमार को नोटिस भेजकर जवाब मांगा है।
भेजा गया नोटिस
अवध डिपो में अनुबंधित बसों को डीजल सप्लाई में गड़बड़ी पाई गई है। यह सुनियोजित ढंग से जनवरी से मई के बीच की गई है। डीजल खपत और अनुबंधित बसों को दिए गए डीजल में अंतर मिलने में पांच कर्मियों को कारण बताओ नोटिस भेजकर जवाब मांगा गया है। सख्त कार्रवाई की जाएगी।-मनोज कुमार, क्षेत्रीय प्रबंधक, लखनऊ परिक्षेत्र
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