लम्पी बीमारी : राजस्थान में 50,000 से अधिक मवेशियों की मौत पर जयपुर में भाजपा का विरोध-प्रदर्शन

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लम्पी बीमारी : राजस्थान में 50,000 से अधिक मवेशियों की मौत पर जयपुर में भाजपा का विरोध-प्रदर्शन

जयपुर में मवेशियों में लंपी त्वचा रोग को लेकर बीजेपी ने राज्य सरकार के विरोध में प्रदर्शन किया.

खास बातें

  • अशोक गहलोत ने मांग की, केंद्र लंपी बीमारी को राष्ट्रीय आपदा घोषित करे
  • बीमारी के लिए अतिरिक्त सहायता की आवश्यकता पर बल दिया
  • राजस्थान में 11 लाख से अधिक जानवर लंपी वायरस से प्रभावित

जयपुर:

भारतीय जनता पार्टी (BJP) ने आज जयपुर (Jaipur) में मवेशियों मे लंपी त्वचा रोग (lumpy skin disease) को लेकर बड़े पैमाने पर विरोध प्रदर्शन किया. लिंपी वायरस से होने वाली इस बीमारी से राजस्थान में 50,000 से अधिक मवेशी मारे गए हैं. प्रदर्शनकारी पुलिस से भिड़ गए, बैरिकेड्स तोड़ दिए और तत्काल कार्रवाई की मांग करते हुए नारेबाजी की.

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बीजेपी इस मुद्दे को राज्य विधानसभा में भी उठाती रही है. लंपी चर्म रोग की ओर राज्य सरकार का ध्यान आकर्षित करने के लिए सोमवार को बीजेपी का एक विधायक विधानसभा परिसर के बाहर एक गाय को ले आया था.

मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने मांग की है कि केंद्र सरकार इस गांठ वाली बीमारी को राष्ट्रीय आपदा घोषित करे. उन्होंने कहा, “हमारी प्राथमिकता यह है कि गायों के जीवन को लंपी त्वचा रोग से कैसे बचाया जाए. केंद्र को वैक्सीन और दवाएं देनी हैं, ऐसे में हम केंद्र से इसे राष्ट्रीय आपदा घोषित करने की मांग कर रहे हैं.”

इस बीमारी ने जयपुर में दूध संग्रहण को भी प्रभावित किया है, जिसके परिणामस्वरूप राज्य में मिठाइयों की कीमतों में वृद्धि हुई है. प्रदेश की सबसे बड़ी दुग्ध सहकारी संस्था जयपुर डेयरी फेडरेशन के मुताबिक दूध संग्रहण में 15 से 18 फीसदी की गिरावट आई है, हालांकि अभी तक आपूर्ति में कोई व्यवधान नहीं आया है.

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को लिखे अपने पत्र में अशोक गहलोत ने बीमारी का मुकाबला करने के लिए अतिरिक्त सहायता की आवश्यकता पर बल दिया है. उन्होंन टीका तैयार होने के बाद राजस्थान को प्राथमिकता देने के लिए भी कहा है.

इस बीमारी का मुकाबला करने के लिए अब तक कोई टीका नहीं है. इस पर गोट पॉक्स का टीका प्रभावी साबित हुआ है. राजस्थान में 16.22 लाख गोट पॉक्स के टीके हैं, जिससे अब तक 12.32 लाख मवेशियों का टीकाकरण किया जा चुका है. हालांकि 11 लाख से अधिक जानवर वायरस से प्रभावित हैं और राज्य में 51,000 मवेशियों की मौत के साथ, पशुधन खतरे में है क्योंकि लम्पी के मामले बढ़ रहे हैं.

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