वाराणसी में रोपवे का शिलान्यास कल: कब काम होगा पूरा, कितने स्टेशन, एक बार में कितने लोग सफर करेंगे, जानें

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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संसदीय क्षेत्र वाराणसी में विकास का एक नया अध्याय जुड़ने वाला है। चैत्र नवरात्र के तीसरे दिन शुक्रवार को बदलते बनारस में देश के पहले पब्लिक ट्रांसपोर्ट रोपवे परियोजना की आधारशिला खुद प्रधानमंत्री मोदी रखेंगे। इसके साथ ही कैंट रेलवे स्टेशन (वाराणसी जंक्शन ) से गोदौलिया के बीच रोपवे का काम शुरू हो जाएगा। यह परियोजना 644.49 करोड़ रुपये की है। इससे काशी विश्वनाथ मंदिर व दशाश्वमेध घाट जाना आसान हो जाएगा। जाम की समस्या नहीं रहेगी। कैंट पर रोपवे स्टेशन बनने से ट्रेन और बस से यात्रा करने वाले दोनों यात्रियों को सहूलियत मिलेगी। नेशनल हाईवे लॉजिस्टिक प्राइवेट लिमिटेड के प्रोजेक्ट डायरेक्टर अनुराग त्रिपाठी के मुताबिक, वाराणसी कैंट स्टेशन से शुरू होकर गोदौलिया चौराहे तक कुल पांच स्टेशन होंगे।

पीएम मोदी  24 मार्च को वाराणसी में चार घंटे 50 मिनट रहेंगे। वो सुबह 9:55 बजे वाराणसी एयरपोर्ट पहुंचेंगे और दोपहर 2:45 बजे दिल्ली रवाना होंगे। इस दौरान पीएम दो कार्यक्रमों में शामिल होंगे।  1780 करोड़ रुपये लागत की 28 परियोजनाओं का लोकार्पण और शिलान्यास करेंगे।

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देश का पहला और दुनिया का तीसरा शहर बनारस होगा जहां पब्लिक ट्रांसपोर्ट के लिए रोपवे का इस्तेमाल होगा।  कैंट रेलवे स्टेशन से गोदौलिया चौराहे तक 3.8 किलोमीटर की दूरी  करीब 16 मिनट में पूरी होगी। जमीन से 50 मीटर की ऊंचाई पर ट्रॉली होगी। एक ट्रॉली में 10 यात्री सवार हो सकते हैं। एक घंटे में दोनों छोर से 6000 यात्री कर यात्रा सकेंगे। 


रोपवे दो साल के अंदर बन कर तैयार हो जाएगा। इस रोपवे के बनने के बाद काशी विश्वनाथ के दर्शन के लिए जाने वाले लाखों श्रद्धालुओं को सुविधा होगी, उनके पास ऑटो, टेम्पो और रिक्शा के अलावा एक और विकल्प मौजूद रहेगा। श्रद्धालु स्टेशन से उतरकर सीधा मंदिर के करीब तक जा सकेंगे।


हर डेढ़ से दो मिनट के अंतराल में ट्रॉली यात्रियों को उपलब्ध होगी। कैंट रेलवे स्टेशन, काशी विद्यापीठ, रथयात्रा, गिरजाघर और गोदौलिया चौराहे पर स्टेशन बनाया जाएगा। हर स्टेशन पर काशी की कला ,धर्म और संस्कृति की झलक देखने को मिलेगी। 


रोपवे की ट्रॉली पर भी काशी की थाती देखने को मिल सकती है। एक दिशा में एक घंटे में 3000 लोग यात्रा कर सकते हैं। इसका मतलब है कि दोनों दिशा से एक घंटे में 6000 लोग आ-जा सकेंगे। रोपवे का संचालन 16 घंटे होगा। भूमि अधिग्रहण, तार व पाइप शिफ्टिंग का काम तेजी से चल रहा है।


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