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रास पूर्णिमा और कोजागरी पूर्णिमा
हर साल आश्विन मास के शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा तिथि पर शरद पूर्णिमा मनाई जाती है, इसे रास पूर्णिमा, कोजागरी पूर्णिमा या फिर कौमुदी व्रत के नाम से भी जाना जाता है.

शरद पूर्णिमा कब है?
इस साल शरद पूर्णिमा 28 अक्टूबर को मनाई जाएगी. इस दिन चंद्रमा 16 कलाओं से परिपूर्ण होता है. मान्यता है कि इस दिन चंद्रमा की किरणें अमृत वर्षा करती हैं. वहीं इस दिन मां लक्ष्मी की पूजा करने का भी विशेष महत्व है.

शरद पूर्णिमा तिथि
पंचांग के अनुसार इस साल आश्विन मास की पूर्णिमा तिथि 28 अक्टूबर दिन शनिवार को सुबह 04 बजकर 16 मिनट पर आरंभ हो रही हैं. इसके साथ ही इस तिथि का अंत अगले दिन 29 अक्टूबर को रात में 01 बजकर 52 मिनट पर होगा. वहीं उदयातिथि को आधार मानते हुए शरद पूर्णिमा 28 अक्टूबर को ही मनाई जाएगी.

शरद पूर्णिमा पर मां लक्ष्मी की पूजा का मुहूर्त
शरद पूर्णिमा पर लक्ष्मी पूजा के 3 शुभ मुहूर्त बन रहे हैं. इस दिन शुभ-उत्तम मुहूर्त रात 08 बजकर 51 मिनट से 10 बजकर 28 मिनट तक रहेगा. वहीं दूसरा मुहूर्त अमृत-सर्वोत्तम मुहूर्त 10 बजकर 28 मिनट से शुरू होकर 12 बजकर 04 मिनट तक रहेगा. तीसरा मुहूर्त चर-सामान्य मुहूर्त 12 बजकर 04 मिनट से 01 बजकर 41 मिनट तक है. इन मुहूर्तों में लक्ष्मी पूजा की जा सकती है.

शरद पूर्णिमा की पूजा विधि
इस दिन किसी पवित्र नदी में स्नान कर लें. अगर नदी में स्नान नहीं कर पाएं तो घर पर ही गंगाजल पानी में मिलाकर स्नान कर लें. इसके बाद मां लक्ष्मी और विष्णु भगवान का चित्र या प्रतिमा स्थापित करें. इसके बाद लाल फूल, इत्र, नैवेद्य, धूप-दीप, सुपारी आदि से मां लक्ष्मी का विधिवत पूजन करें.
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