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ठियोग की धमांदरी पंचायत के बागड़ा गांव में भूस्खलन के बाद तहस-नहस हुआ घर।
– फोटो : संवाद
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शिमला जिले के उपमंडल ठियोग की धमांदरी पंचायत के बागड़ा गांव में बरसात का कहर एक परिवार पर टूट गया। हादसे में मां-बेटे की मौत हो गई है। हादसे ने परिवार को कभी न भूलने वाले जख्म दिए हैं। जानकारी के मुताबिक रविवार दोपहर बाद जब पहाड़ी का हिस्सा दरका उस समय संजीव अपने कमरे में सोया हुआ था जबकि उनकी मां चूल्हे के आगे आराम कर रही थी। इसी बीच पहाड़ी दरकने से मकान ढह गया।
इस हादसे में मां और बेटे की मौत हो गई है जबकि प्रेम चंद की जान बच गई। हादसे के बाद उनकी पत्नी का शव रसोई से मिला जबकि बेटा कंबल में पाया गया। प्रेम चंद ने बताया कि वह दो साल पहले ही यहां आकर बसा है। वह कोटखाई के धौला गांव के रहने वाले हैं और उनका बेटा पंद्रह दिन पहले ही उनके पास आया था क्योंकि फ्रांसबीन की बुआई करनी थी लेकिन नियती को कुछ औा ही मंजूर था। हादसे के बाद प्रेम चंद घर पर अकेला रह गया है।
बहू और बच्चे गए थे बाजार, नहीं तो उनकी भी जाती जान
धमांदरी में हुए हादसे के समय संजीव कुमार की पत्नी और बच्चे किसी काम से बाजार गए थे, जिस वजह से उनकी जान बच गई। वहीं पंचायत के उपप्रधान चमन शर्मा ने बताया कि साल 2008 में भी इसी जगह पर पहाड़ी दरकने से एक मकान जमीन में धंस गया था। इसमे 3 लोगों की मौत हुई थी। उन्होंने बताया कि 15 साल के बाद बरसात ने फिर अपना कहर बरपाया है। उन्होंने बताया कि लोगो को अपने मकान जमीन को देखकर बनाने चाहिए।
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