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                        मुरादाबाद सांसद एसटी हसन
                                    – फोटो : संवाद 
                    
विस्तार
                                
अचानक संसद में एक युवक कूद पड़ा। वह मेजों पर कूद रहा था। दूसरा युवक दर्शक दीर्घा में लटका हुआ था। ऐसा लगा कि फिर से संसद में आतंकी हमला हो गया। अधिकतर सांसद दहशत में आ गए। उन्हें दो दशक पहले हुई संसद की आतंकी घटना की याद आने लगी।
जब तक दोनों युवक पकड़ नहीं लिए गए तब तक सभी डरे सहमे रहे। बुधवार को संसद में हुई घटना के दौरान मौजूद रहे मुरादाबाद के सपा सांसद डॉ. एसटी हसन ने कुछ इस तरह वहां के माहौल को बयां किया। सांसद डॉ. एसटी हसन के मुताबिक घटना के समय शून्य काल के दौरान सभी सांसद अपने काम में व्यस्त थे।
इसी समय अचानक दर्शक दीर्घा से नारा लगाते हुए एक युवक कूद गया। वह मेजों पर कूदते हुए भागने लगा। कुछ देर में सांसदों ने उसे पकड़ लिया। उसका दूसरा साथी दर्शक दीर्घा में लटका हुआ था। युवक ने अपने जूते से एक वस्तु निकाली तो लोग डर गए।
वह गैस फैला रहा था। इस बीच सुरक्षाकर्मियों ने दोनों को पकड़ लिया। कुछ देर के लिए तो मैं भी डर गया। सांसद साथियों ने कहा कि दो दशक पहले हुई आतंकी घटना याद आ गई। कुछ देर पहले सांसदों ने संसद भवन पर हुए आतंकी हमले में शहीद हुए सुरक्षाकर्मियों को श्रद्धांजलि देकर बैठे थे।
इस घटना के बाद लोकसभा अध्यक्ष ने सभी सांसदों की बैठक बुलाई। उन्होंने इस मामले में सुझाव मांगे।
घटना सुरक्षा के लिहाज से बड़ी चूक : सांसद
सांसद ने बताया कि नई लोकसभा सुरक्षा की दृष्टि से मजबूत नहीं है। पुराने सदन में आसानी से कोई अंदर नहीं आ सकता था। यह घटना सुरक्षा के लिहाज से बहुत बड़ी चूक है। जब एक आतंकी ने धमकी दी थी तो सुरक्षा एजेंसियां क्यों नहीं सतर्क हुईं। उन्होंने सुझाव दिया कि सदन के बाहर फुल बॉडी स्कैन मशीन लगाई जाए। जूते भी की जांच होनी चाहिए। गैलरी में लगा शीशा बुलेट प्रूव होना चाहिए।
सांसद को जारी करना पड़ता है पास
सांसद डॉ. एसटी हसन ने बताया कि चार लोग भाजपा के सांसद की तरफ से अनुमोदित पास पर आए थे लेकिन इसमें सांसद की गलती नहीं मानते हैं। क्योंकि उनके पास भी क्षेत्र के लोग आते हैं। जनहित में अपरचितों को भी पास जारी करना पड़ता है।
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