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संकष्टी चतुर्थी का व्रत संतान सुख, वैवाहिक जीवन में खुशहाली, आर्थिक मजबूती के लिए रखा जाता है. इस दिन व्रत रखा जाता है और गणेश जी की पूजा की जाती है.

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सकट चौथ के दिन ब्रह्म मुहूर्त में स्नान करके स्वच्छ वस्त्र धारण करें. 
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भगवान गणेश की प्रतिमा को चौकी पर स्थापित करें. 

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गणेश जी के साथ मां लक्ष्मी की मूर्ति भी रखें. 
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गणेश जी और मां लक्ष्मी को रोली और अक्षत लगाएं. 

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फिर पुष्प, दूर्वा, मोदक आदि अर्पित करें. 
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सकट चौथ में तिल का विशेष महत्व है. 

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भगवान गणेश को तिल के लड्डुओं का भोग लगाएं. 
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ॐ गं गणपतये नमः: मंत्र का जाप करें. 

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अंत में सकट चौथ व्रत की कथा सुनें और आरती करें. 
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रात्रि में चंद्रमा को अर्घ्य देकर सकट चौथ व्रत संपन्न करें. 
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